आयुर्वेद के अनुसार अगर चिरौंजी का रोज सेवन किया जाए तो कब्ज की समस्या दूर होती है और पाचन तंत्र में मौजूद विषाक्त पदार्थ को आसानी से बाहर निकालने में मदद मिलती है.
इसके अलावा यह आंतों की अंदरूनी परत को भी क्लीन करने का काम करता है. अगर आप कब्ज से जूझ रहे हैं तो इसका सेवन आपको काफी फायदा पहुंचा सकता है. आप इसका सेवन रोज रात को सोने से पहले खाएं.
आप बार-बार दस्त के साथ खून आ रहा है तो आप भोजन में चिरौंजी का प्रयोग करें. आयुर्वेद के मुताबिक, आप चिरौंजी की छाल को बकरी के दूध के साथ पीसकर उसमें शहद मिलाकर खाएं तो पेचिश की समस्या में फायदा मिलेगा. चिरौंजी के पत्ते और जड़ को पीसकर मक्खन के साथ सेवन करने पर भी पेचिस से राहत मिलती है.
चिरौंजी (Chironji) का नाम हम सभी ने सुना है. छोटे छोटे आकार का ये ड्राइ फ्रूट्रस दरअसल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. यह एनाकार्डिएसी नाम के पेड़ से संबंधित है जो भारत के कई हिस्सों में पाया जाता है.
आयुर्वेद में चिरौंजी का उपयोग (Use) हजारों सालों से किया जा रहा है. अनेकों पोषक तत्वों से भरपूर यह बीज सिरदर्द से लेकर खांसी, कब्ज और स्किन से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने के लिए भी किया जाता है.
अगर पेट से संबंधित बीमारियों के इलाज की बात करें तो चिरौंजी का इस्तेमाल कब्ज से लेकर पेचिश, डायरिया आदि में भी काफी फायदा (Benefits) है. तो आइए आज जानते हैं कि चिरौंजी का उपयोग हम पेट से जुड़ी समस्या को ठीक करने के लिए किस प्रकार कर सकते हैं.