चाइना की सेना लद्दाख सीमा पर…हिंदुस्तान को…

चाइना के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी तेज करने के लिए बोला था। वैसे तो चाइना के राष्ट्रपति ने ये बयान खासतौर पर ताइवान व अमेरिका के लिए दिया था, लेकिन इस बयान को हिंदुस्तान के संदर्भ में भी देखा जा रहा था, क्योंकि चाइना की सेना लद्दाख सीमा पर हिंदुस्तान को आक्रामक तेवर दिखा रही है।

 

इसके बाद दूसरा बयान चाइना के विदेश मंत्रालय का आया। उसने बोला कि हिंदुस्तान के साथ सीमा पर दशा स्थिर हैं व काबू में हैं, दोनों राष्ट्रों के पास वार्ता करके मुद्दों को हल करने के माध्यम उपस्थित हैं।

तीसरा बयान हिंदुस्तान में चाइना के राजदूत का आया। उन्होंने बोला कि दोनों देश कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं व इस वक्त रिश्तों को मजबूत करने की आवश्यकता है। चाइना के राजदूत ने बोला कि दोनों देश एक दूसरे के लिए खतरा नहीं बल्कि मौका हैं। रिश्तों पर मतभेद हावी नहीं होने चाहिए व वार्ता से ही मतभेदों का निवारण निकालना चाहिए।

अब इन बयानों से यही समझा जाना चाहिए कि चाइना अब वार्ता की टेबल पर आना चाहता है। पहले वो लद्दाख में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाकर हिंदुस्तान को धमकाना चाहता था, व हिंदुस्तान को सड़क बनाने से रोकना चाहता था, लेकिन हिंदुस्तान के कठोर रवैये से चाइना को लग गया है कि उसके हथकंडे हिंदुस्तान के सामने नहीं चल पाएंगे।

लद्दाख सीमा पर चाइना की हरकतों के बारे में मंगलवार को हमने आपको विस्तार से समझाया था। हमने ये बताया था कि चाइना के इरादे क्या हैं व वो क्यों आकस्मित सीमा पर हिंदुस्तान से भिड़ रहा है?

लेकिन जिसके पास धैर्य है व जिसके पास शक्ति है, उसका कोई भी कुछ बिगाड़ नहीं सकता। हिंदुस्तान ने अपने धैर्य व शक्ति से चाइना को ऐसा जवाब दिया है कि 24 घंटे के अंदर उसके तेवर बदल गए हैं। इसे चाइना के तीन बयानों से समझ सकते हैं।