चीन ने इस देश की ज़मीन पर की कब्ज़े करने की कोशिश, चारो तरफ लगाए…

हांगकांग का मसला हो. ताईवान का मसला हो. तिब्बत का मसला हो या साउथ चाइना सागर का. रुस चीन के खिलाफ उठते हर मुद्दे पर चुप्पी साध लेता है.

 

बशर्ते आंच उस तक ना आ रही है. मगर ड्रैगन तो ड्रैगन है. मुंह से आग उगलेगा तो उसकी जद में अकेले भारत थोड़ी आएगा. क्योंकि चीन के बगल में अकेले हमारा देश थोड़ी है.

हांगकांग, ताइवान, तिब्बत, साउथ चाइना सागर, डोकलाम, गलवान घाटी और अब रूसी ज़मीन पर कब्ज़े की कोशिश. चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता. अब उसने रूसी शहर व्लादिवोस्तोक पर अपना दावा ठोक दिया है. दरअसल, इसे भू माफ़िया चीन की नई चाल माना जा रहा है.

दुनिया के कोरोना मीटर पर रूस तकरीबन 7 लाख पॉज़िटिव मामलों के साथ चौथे नंबर पर है. यानी कोरोना का जो कहर अमेरिका, ब्राज़ील और भारत झेल रहे हैं. ठीक वैसा ही कहर रूस के हिस्से भी आया है. मगर बावजूद इसके उसने चीन पर कभी उंगली नहीं उठाई. जानते हैं क्यों. क्योंकि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. चीन और रूस का दुश्मन एक ही है अमेरिका. इसलिए रूस कभी चीन के रास्ते में नहीं आता.

लैंड-माफिया चीन की ज़मीन की भूख है कि मिटने का नाम ही नहीं ले रही है. पूरी दुनिया को कोरोना बांटने के बाद चीन कई देशों के साथ तनावपूर्ण रिश्तों को बढ़ावा देने में लगा हुआ है.

ताकि कोरोना को भूलकर दुनिया अब उसके इस चक्रव्यूह में फंसकर रह जाए. इसी सिलसिले में भारत, म्यांमार, जापान के बाद चीन ने अब रूस में भी घुसपैठ कर उससे दुश्मनी मोल ले ली है. चीन ने बाकायदा रूस के एक शहर पर अपना दावा ठोक दिया है.