चीन अक्साई चिन इलाके में भी बहुत तेजी से आधारभूत ढांचे को मजबूत कर रहा है. सैटलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन अक्साई चिन इलाके में नए हेलीपोर्ट बैरक बना रहा है.
यही नहीं चीन भारत से सटे इलाकों में सड़कें सैनिकों के आने जाने के लिए जरूरी आधारभूत ढांचे को मजबूत करने में जुट गया है. तस्वीर में चीन के उपकरण साफ नजर आ रहे हैं.
चीन ने भारत के साथ सैनिकों को हटाने के समझौते के बाद भी देपसांग प्लेन, गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग पैंगोंग झील के पास बड़ी तादाद में सैनिक जमा कर रखे हैं.
यही नहीं, चीन अब देपासांग, हॉट स्प्रिंग गोगरा पोस्ट से सेना हटाने के आश्वासन से पीछे हट रहा है. भारत चीन के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक इसका हल होता नहीं दिख रहा है.
द इंटेलिजेंस की ओर से 11 मई को ली गई सैटलाइट तस्वीरों में नजर आ रहा है कि चीन ने रुटोग में युद्धक वाहन, हथियारों का जखीरा, जवानों को गरम रखने वाले टेंट लगा रखे हैं.
चीन ने कई ऐसे बैरक बनाए हैं जिन्हें ऊपर ढंक रखा है ताकि सैटलाइट से उसके अंदर नहीं देखा जा सके. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके अंदर चीन ने बड़े पैमाने पर हथियार छिपाकर रखे हैं. तस्वीर से चीनी सैन्य बेस काफी विशाल नजर आ रहा है.
एक तरफ भारत कोरोना की दूसीर लहर से निपटने में व्यस्त है. दूसरी तरफ चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पता चला है कि लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील के फिंगर 4 से लेकर 8 तक सेना को हटाने वाले चीन ने पास में ही स्थित अपने सैन्य ठिकाने रुटोग में बड़े पैमाने पर हथियार सैनिक जमा कर रखे हैं.
सैटलाइट तस्वीरों से साफ नजर आ रहा है कि चीन ने न केवल यहां सैनिक तैनात कर रखे हैं, बल्कि अपने रुटोग सैनिक अड्डे का तेजी से आधुनिकीकरण कर रहा है.
चीनी तैयारी से साफ नजर आ रहा है कि अगर उसे भारत की ओर से खतरे का अंदेशा हुआ तो वह तत्काल बड़े पैमाने पर सैनिक हथियार पैंगोंग झील के पास भेज सकता है.