बड़ी साजिश रचने में लगा चीन, भारत को रोकने के लिए बनाया अबतक का सबसे खतरनाक कदम…

चीन डोकलाम के विवाद के बाद से ही भारत-तिब्बत बॉर्डर पर अपनी वायुसेना के मूवमेंट को बढ़ा दिया है। पिछले तीन साल में ये सर्विलांस सिस्टम बढ़ाया गया है। चीन लगातार यूएवी के जरिए भारतीयों पर नज़र रख रहा है, जो उसने लहासा, हूतान, वुडून, अकेसू जैसे इलाकों में तैनात किए हैं।

अंडरवाटर एक्टिविटी :अब जो ताजा तस्वीरें सामने आई है वो एक बड़े खतरे की तरफ इशारा करती हैं। चिंता करने की बात ये कि चीनी सेना PLA की एयरफोर्स अब पैंगोंगत्सो में अंडरवाटर एक्टिविटी पर नज़र रखें हुए है।

इसके लिए स्पेशल तरीके के एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें मैग्नेटिक अनॉमेली डिटेक्टर (MAD boom) इंस्टाल किया हुआ है। इनमें Y-8 GX6 और Shanxi Y-8 transporter’s Gaoxin-6 या High New 6 variant जैसे एयरक्राफ्ट सम्मिलित हैं, जिनका उपयोग चीनी नेवी के द्वारा एंटी सरफेस के साथ पनडुब्बी युद्ध के लिए किया जाता है। चीनी सेना इसके अंदर लगे यंत्र से आसानी से पानी के अंदर छुपी पनडुब्बियों का पता लगा सकता है इतना ही नहीं ये पानी में मौजूद खनिज और मिट्टी की पहचान करने में भी दक्ष हैं। अब ऐसे ही एयरक्राफ्ट सैटेलाइट इमेज में होतान, कोरला और वुडून में नजर आये हैं।

आमने सामने की लड़ाई से बचते हुए बीच का रास्ता तलाश रहा है। उसका पुराना इतिहास पीछे से हमला करने का रहा है। इस बार भी वह कुछ ऐसा ही करने का प्लान बना रहा है।

जब से भारत और चीन के मध्य लद्दाख सीमा पर तनातनी शुरू हुई है, तभी से ही चीनी सेना ने पैंगोंग झील के इलाके पर नज़र बनाई हुई है।

चीनी सेना की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ग्राउंड फोर्स (पीएलएजीएफ़) हाइस्पीड पेट्रोलिंग क्राफ्ट के जरिए पानी पर नज़र गढ़ाए हुए है, जिनमें Type 305, Type 928D बोट की मदद ली जा रही है।

अगर हम ताज़ा सैटेलाइट तस्वीरों को गौर से देखें तो पाएंगे कि चीन अब पैंगोंग त्सो की गहराई को नापने में भी लगा है।अब इसके लिए चीन की ओर से दुनिया की ताज़ा तकनीक की मदद ली जा रही है, जो एंटी सबमरीन वॉरफेयर के लिए उपयोग में लाई जाती है।