चीन ने शुरू की इस देश को फसाने की तैयारी, छोड़ना शुरू किया…

यह कदम बहुत जरूरी हैं क्योंकि भूटान पर चीन की गहरी नजर है। भूटान भारत का एकमात्र पड़ोसी है जिसने चीन का बेल्ट रोड इनिशेटिव यानी बीआरई का हिस्सा बनने से इनकार किया है।
भारत सरकार को इस बात का अहसास है कि भूटान पर चीन लगातार दबाव बना रहा है। हाल ही में उसने भूटान के पश्चिम और अरुणाचल प्रदेस के करीब के इलाके पर अपना दावा पेश कर दिया है।

सूत्रों का कहना है कि पश्चिम बगाल के मुजनई और भूटान के नयोनपलिंग के बीच रेल लिंक स्थापित करने के लिए स्टडी चल रह है। इसके साथ ही लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया पश्चिम बंगाल के जईगांव में एक इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट बनाने पर भी विचार कर रही है।

पिछले हफ्ते ही भारत और भूटान के बीच एक नया ट्रेड रूट खुला है। इसके बाद भारत सरकार भूटान के एक और स्थायी लैंड कस्टम स्टेशन (LCS) खोलने का अनुरोध को भी स्वीकार कर सकती है।

इससे भूटान को भारत और बांग्लादेश में अपना निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा खबर है कि भारत एक और इंटीग्रेटेड चेक पॉइंट खोलने पर भी विचार कर रहा है।

हालांकि सरकार इसे लेकर काफी सजग है और वह इस हिमालयी देश के साथ अपने पुराने संबंधों को और मजबूत करने की कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।

मोदी सरकार दोनों देशों के बीच और ट्रेड पॉइंट्स से लेकर रेल लिंक तक सभी प्रयास कर रही है ताकि चीन की भूटान को भारत के प्रभाव क्षेत्र से दूर करने की हर कोशिश को नाकाम किया जा सके।

चीन कोरोना के इस संकटकाल में भी अपने पड़ोसियों को अपने जाल में फंसाने का हरसंभव प्रयास करने में जुटा हुआ है. आपको बता दें कि ऐसे में चीन लगातार भारत के पड़ोसियों को अपने प्रभाव में लाने की कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि प्रयास में उसकी नजरें भूटान पर भी हैं।