चीन ने अमेरिका पर किया पलटवार, कहा भुगतना पड़ेगा परिणाम

यह बिल ऐसे समय पर पास हुआ है जब डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने अपनी किताब के जरिए ट्रंप पर साल 2020 के राष्ट्रपति चुनाव को जीतने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मदद मांगने का आरोप लगाया है.

इतना ही नहीं बोल्टन ने यह भी दावा किया है कि ट्रंप ने शी जिनपिंग से कहा था कि उन्हें उइगर मुस्लिमों के लिए डिटेंशन कैंप को बढ़ाने का काम करना चाहिए.

इस बिल के पास होने के बाद अब उन अधिकारियों पर बैन लगाया जाएगा, जो कि उइगर मुस्लिमोंपर निगरानी और उन्हें डिटेंशन सेंटर्स में डालते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसा कहा जा रहा है कि चीन के खिलाफ उठाया गया किसी भी देश का यह सबसे अहम और बड़ा कदम है.

अब ट्रंप के उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकार कानून को लेकर साइन किए गए बिल पर चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि चीन पूरी तरह से पीछे हट जाएगा और फिर अमेरिका को बाद में इसका घातक परिणाम भुगतना होगा. बीजिंग ने अमेरिकी बिल पर अपनी कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह जिंजियांग क्षेत्र में चीन की नीति पर दुर्भावनापूर्ण हमला है.

अमरिका और चीन  के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. पहले ट्रेड और कोरोनावायरस के मुद्दों को लेकर अमेरिका, चीन पर हमलावार था. अब उइगर मुस्लिमों (Uyghur Muslims) को लेकर अमेरिका ने चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है.

बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ हो रही कार्रवाई को लेकर चीन को सजा देने वाले बिल पर साइन कर दिया है.