चीन को टक्कर देने के लिए भारतीय सेना तैयार, सीमा पर तैनात…

चीनी सीमा पर ऐसा युद्धाभ्यास पहली बार हुआ है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास चीन की सेना के हेलिकॉप्टर दिखने के बाद भारतीय वायुसेना सतर्क हो गई।भारतीय वायुसेना ने भी सुखोई समेत दूसरे फाइटर जेट (लड़ाकू विमानों) से पेट्रोलिंग शुरू कर दी।

 

सुखोई-30 एमकेआई 2400 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से 5 हजार किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। जून 2020 के पहले सप्ताह में, भारतीय सेना के 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर के पांच हजार से अधिक सैनिक अरुणाचल प्रदेश की चीन के साथ सीमा के पास युद्धाभ्यास कर रहे हैं।

इस बीच, सेना और वायु सेना के चार कोर को मिलाकर 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर का गठन किया गया था।। इन सैनिकों को बाद में देश की पूर्वी सीमा पर तैनात किया गया है।

18 हजार किलोग्रामवजन ले जाने में सक्षम ये विमान एयर टू एयर री-फिलिंग के चलते अपनी रेंज को औरज्यादा बढ़ा सकता है। एलएसी के पास चीन के हेलिकॉप्टर उसी दौरान देखे गए, जबउत्तरी सिक्किम के इलाके में चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों में झड़प हुई थी।

पूर्वोत्तर में भारतीय सेना वास्तविक युद्ध की तैयारी में है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय वायुसेना के विमानों की गूंज और सामने डटे जवानों के हौसले ने चीन के विस्तारवादी मंसूबों पर पानी फेर दिया। भारतीय वायुसेना देश के अन्य हिस्सों से महज तीस मिनट में टैंक, तोपखाना और जवानों को पूरे पूर्वोत्तर और अरूणाचल-सिक्किम पहुंचा सकती है।