भारत से युद्ध की स्थिति में चीन, कुछ ही समय में…

अपने बयान में आगे अमेरिकी विदेश मंत्री ने बोला कि, चाइना की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यों के कारण भारत, वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया व दक्षिण चीन सागर के इर्द-गिर्द खतरा उत्पन्न हो गया है।

 

हम सुनिश्चित करेंगे कि अमेरिकी सेना इन चुनौतियों का सामना करने के लिए ठीक स्थान तैनात हो। गत हफ्ते भी पोंपियो ने चाइना शासन की तीखी आलोचना की थी।

वही, उन्होंने बोला था कि चाइना का शासन नए नियम-कायदे लागू करने की प्रयास कर रहा है। पोंपियो ने बोला कि डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन ने पिछले दो वर्ष में अमेरिकी सेना की तैनाती की रणनीतिगत ढंग से समीक्षा की है। अमेरिका ने खतरों को देखा है व समझा है कि साइबर, इंटेलिजेंस व मिलिट्री जैसे संसाधनों को कैसे बांटा जाए।

उन्‍होंने चाइना को हिंदुस्तान व दक्षिणपूर्व एशिया के लिए खतरा बताया है। माइक पोंपियो से सवाल किया गया था कि जर्मनी में अमेरिकी सेना की टुकड़ी को क्यों घटा दिया गया। माइक ने बोला कि वहां से हटाकर सेना को दूसरी स्थान तैनात किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त जब पोंपियो से पूछा गया था कि जर्मनी से अमेरिका ने अपनी सेनाएं क्यों कम कर दी हैं। उनका जवाब था-क्योंकि उन्हें अन्य जगहों में भेजा जा रहा है।

पोंपियो ने ब्रसेल्स फोरम में अपने एक वर्चुअल संबोधन के दौरान एक सवाल के जवाब में यह बात कही। पोंपियो की टिप्पणी हिंदुस्तान व चाइना के बीच जारी तनाव के संदर्भ में बेहद अहम है।

कोरोना काल में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने बोला है कि हिंदुस्तान व दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के लिए खतरा उत्पन्न कर रहे चाइना के कारण उनका देश यूरोप से अपनी सेनाएं कम करके अन्य जगहों पर तैनात कर रहा है।