चीन ने इस देश को दी ये बड़ी चेतावनी, कहा भुगतना पड़ेगा परिणाम

1942 में हुए प्रथम अफीम युद्ध में चीन को हराकर ब्रिटिश सेना ने पहली बार हांगकांग पर कब्जा जमा लिया था.इसके बाद में हुए दूसरे अफीम युद्ध में चीन को ब्रिटेन के हाथों और हार का सामना करना पड़ा.

इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए 1898 में ब्रिटेन ने चीन से कुछ अतिरिक्त इलाकों को 99 साल की लीज पर लिया था. ब्रिटिश शासन में हांगकांग ने तेजी से प्रगति की.

चीन ने कहा कि ब्रिटेन को अपने औपनिवेशिक राज्य को छोड़ देना चाहिए. दरअसल पिछले दिनों ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था .

यदि चीन ने हांगकांग पर नया कानून जबरन लादने की कोशिश की,तब ब्रिटेन भी अपने आव्रजन नियमों को बदलने के लिए तैयार है. हम हांगकांग के लाखों निवासियों को ब्रिटेन की नागरिकता के लिए एक संभावित रास्ता प्रदान कर सकते है.

1982 में ब्रिटेन ने हांगकांग को चीन को सौंपने की कार्रवाई शुरू कर दी, जो 1997 में जाकर पूरी हुई. चीन ने एक देश दो व्यवस्था के तहत हांगकांग को स्वायत्तता देने का वादा किया था.

चीन ने कहा था कि हांगकांग को अगले 50 सालों तक विदेश और रक्षा मामलों को छोड़कर सभी तरह की आजादी हासिल होगी. बाद में चीन ने एक समझौते के तहत इस विशेष प्रशासनिक क्षेत्र बना दिया.

चीन ने ब्रिटेन को चेतावनी देकर कहा कि ब्रिटेन अगर हॉन्गकॉन्ग के लिए अपनी पासपोर्ट नीति को वापस नहीं लिया, तब इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

बता दें कि चीन ने हाल ही में हॉन्गकॉन्ग के लिए नया सुरक्षा कानून पेश किया है, जिसके विरोध में कई दिनों से हांगकांग में विरोध प्रदर्शन जारी हैं.