चीन ने सैनिको को दिया ये बड़ा हथियार, जमीन पर झुकाते ही…

तिब्बती योद्धा पारंपरिक युद्ध में माहिर हैं। उन्हें लाठी, भाला, लाठी और डंडों से लड़ने में कुशल माना जाता है। इसके जरिए चीन अब भारत के साथ युद्ध की तैयारी कर रहा है।

 

उग्रवादी, जो तिब्बत के पठारी क्षेत्र में रहते हैं, चीनी सैनिकों को विभिन्न हथियारों से लड़ने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं। भारत और चीन ने 1996 और 2005 में दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। समझौते के अनुसार, दोनों देशों को सैन्य गश्त के दौरान एक-दूसरे पर गोली चलाने की अनुमति नहीं थी।

इसके अलावा, दोनों देशों की सेनाओं को गश्ती के दौरान एलएसी के दो किलोमीटर के भीतर अपने राइफल बैरल को जमीन पर झुकाए रखने की आवश्यकता थी।

1996 के समझौते के अनुसार, दोनों देशों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हथियारों का उपयोग करने से प्रतिबंधित किया गया है। यही वजह है कि चीन ने अपने लड़ाकों को सैन्य प्रशिक्षण देने के लिए तिब्बती लड़ाकों की भर्ती भी शुरू कर दी है।

लद्दाख की गाल्वन घाटी में हालिया झड़पों के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। आम सहमति तक पहुंचने के लिए बातचीत के बावजूद, चीन कथित तौर पर सीमा पर अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है।