इस तनाव को देखते हुए माना जा रहा था कि अमेरिका ताइवान की नौसेना को भी रिमपैक में शामिल होने का न्यौता दे सकती है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। माना जा रहा है .
अमेरिका ने चीन के साथ तनाव के चरम पहुंचने से रोकने के लिए ताइवान को इस अभ्यास में न्योता नहीं दिया। अमेरिका ने कुछ वक्त पहले ही ताइवान के साथ अपने घातक F-16V फाइटर जेट की डील की है।
वॉशिंगटन ने बुधवार को दक्षिण चीन सागर में निर्माणकार्य और सैन्य कार्रवाई में लगीं चीन की 24 कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। हवाई में अमेरिका के रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने कहा है .
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी आक्रामक सैन्य आधुनिकीकरण प्रोग्राम की मदद से दुनियाभर में ताकत स्थापित करना चाहती है। इसके तहत से PLA (पीपल्स लिबरेशन पार्टी) दक्षिण और पूर्व चीन सागर में और जहां ही सरकार को जरूरत लग रही है, वहां आक्रामक रवैया अपना रही है।
अमेरिका का चीन के साथ बढ़ते टकराव के बीच सैन्य तनाव पर रुख एकदम साफ है तो चीन भी नरम पड़ने के मूड में नहीं है। तो वहीं अमेरिका के डिफेंस विंग चीफ ने साफ-साफ कहा है कि प्रशांत महासागर में अमेरिका एक इंच भी पीछे नहीं हटेगा।
हीं, चीन भी चुप नहीं बैठा है और उसने कह दिया है कि अमेरिका सैनिकों की जान खतरे में डाल रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार से लेकर मानवाधिकार उल्लंघन और सबसे ज्यादा दक्षिण चीन सागर पर बने तनावपूर्ण हालात के बीच ऐसी बयानबाजी पर दोनों ही एक-दूसरे पर उकसाने का आरोप भी लगा रहे हैं।
दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका और चीन अपने रुख पर अड़े हुए हैं। अमेरिका ने जहां दो टूक कहा है कि वह इस क्षेत्र में एक इंच भी नहीं छोड़ेगा। तो वहीं चीन ने कहा है कि अमेरिका सैनिकों की जान खतरे में डाल रहा है।