चीन ने अमेरिका को दी ये बड़ी चेतावनी, किसी भी समय बिगड़ सकते हालात

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को कहा कि चीन और भारत को सीमा मुद्दे के हल के लिए एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाना और आपस में संदेह करना छोड़ देना चाहिए.

 

उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार कर अनुकूल माहौल बनाना चाहिए. वांग ने चीन और भारत के बीच संबंध के लिए सीमा विवाद के पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं होने का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देश मित्र एवं साझेदार हैं, लेकिन उन्हें एक दूसरे पर संदेह करना छोड़ देना चाहिए.

वांग ने कहा कि ताइवान मुद्दे पर चीन सरकार के सामने समझौते या रियायत की कोई गुजाइंश नहीं है. हम नए अमेरिकी प्रशासन से ताइवान मुद्दे से जुड़ी गंभीर संवेदनशीलता को पूरी तरह समझने की अपील करते हैं.

वैसे तो वांग ने इस संबंध में कोई संकेत नहीं दिया कि अमेरिका यदि अपना रूख नहीं बदलता है तो चीन क्या कर सकता है लेकिन सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर ताइवान औपचारिक स्वतंत्रता की घोषणा करता है या मुख्य भूमि से जुड़ने की वार्ता में देरी करता है तो चीन उस पर आक्रमण कर सकता है.

अमेरिका का वैसे तो ताइवान की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार के साथ आधिकारिक संबंध नहीं है लेकिन उसके साथ उसका प्रगाढ़ अनौपरचारिक रिश्ता है.

जनवरी में अपना कार्यकाल पूरा करके अमेरिकी राष्ट्रपति पद से हटे ट्रंप ने ताइवान के समर्थन में वहां कैबिनेट अधिकारियों को भेज कर चीन को क्षुब्ध कर दिया था.

चीन (China) के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को अमेरिका (America) के बाइडेन प्रशासन (Biden Administration) को चेतावनी दी कि वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा ताइवान का समर्थन करने के ‘खतरनाक चलन’ को वापस लें.

चीन, ताइवान (Taiwan) को अपना क्षेत्र मानता है. वांग ने चीन संसद की रस्मी सालाना बैठक के दौरान प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि 1949 में मुख्य भूमि से अलग हुए ताइवान पर चीन का दावा ‘अलंघनीय लाल रेखा’ है.