इस घोषणा पत्र के मुताबिक चीन, साउथ चाइना सी के स्पार्टली और पार्सल द्वीप पर दावा करता है और यह दावा पूरी तरह से गैर-कानूनी है। ऑस्ट्रेलिया का कहना है .
चीनी दावा समुद्री सीमा के लिए तय यूएन के घोषणा पत्र के बिल्कुल विपरीत है। ऑस्ट्रेलिया के इस कदम से चीन का गुस्सा भड़क सकता है। हाल ही में दोनों देशों ने एक-दूसरे पर व्यापार प्रतिबंध लगाए हैं और साथ ही बॉयकॉट करने की धमकी भी दी गई है।
ऑस्ट्रेलिया का कहना है कि वह इस घोषणा पत्र के साथ ही चीन की तरफ से किए जा रहे दावों को नकारता है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कुछ माह पहले मांग की थी कि कोरोना वायरस महामारी कैसे पूरी दुनिया तक फैली, इसकी जांच होनी चाहिए। उनके इस बयान के बाद से ही दोनों देशों में तनाव बना हुआ है।
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से इस घोषणा के बाद माना जा रहा है कि चीन के साथ उसका तनाव बुरे दौर में पहुंच सकता है। शुक्रवार रात ऑस्ट्रेलिया की तरफ से यूएन में घोषणा पत्र दायर किया गया है। इस घोषणा पत्र के साथ ही चीन के साउथ चाइना सी पर दावे को पूरी तरह से नकार दिया गया है।
ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने अब यूनाइटेड नेशं (यूएन) में चीन को चुनौती दी है। चीन पर हमला बोलते हुए यूएन में ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा कर दी है कि साउथ चाइना सी पर जो विवादित द्वीप हैं.
वह चाइना की सीमा में नहीं आते हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब ऑस्ट्रेलिया की नेवी ने चीनी नौसेना के जहाजों को विवादित हिस्से में घेर लिया था।