चीन ने फिर दोहराया ये काम, गलवान घाटी पर…

इसके बाद 16 जून को अपने बयान में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि चीनी पक्ष गलवान घाटी में एलएसी को लेकर बनी सहमति के खिलाफ गया है.

 

सीमा प्रबंधन पर जिम्मेदाराना रुख के साथ भारत का बहुत स्पष्ट मत है कि उसकी सभी गतिविधियां हमेशा एलएसी के इस ओर होती हैं. हम चीनी पक्ष से अपेक्षा करते हैं कि वह भी अपनी गतिविधियों को एलएसी के अपनी तरफ सीमित रखे.

भारत का कहना है कि इस तरह का ‘बढ़ा-चढ़ाकर’ किया गया दावा छह जून को उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता में बनी सहमति के खिलाफ है. बता दें कि चीन के इस दावे से पहले शुक्रवार को ही सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘न वहां कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है. न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है. लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा था उन्हें वो सबक सिखाकर आए.’

संवाददाताओं से बातचीत के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ‘गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से में आती है. कई वर्षों से वहां चीनी सुरक्षा गार्ड गश्त कर रहे हैं और अपनी ड्यूटी निभाते हैं.’

इस दावे से एक दिन पहले ही भारत ने गलवान घाटी पर चीनी सेना के संप्रभुता के दावे को खारिज कर दिया था और चीन से अपनी गतिविधियां एलएसी के उस तरफ तक ही सीमित रखने को कहा था.

चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा पहली बार गलवान घाटी पर दावा जताने के बाद 16 जून को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था चीनी पक्ष गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर बनी सहमति के ख़िलाफ़ गया है.

चीन के विदेश मंत्रालय ने एक सिलसिलेवार ब्योरा पेश करते हुए शुक्रवार को अपना दावा दोहराया कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की तरफ है.