चाणक्य नीति इन 3 हालातों को देख फौरन छोड़ देना चाहिए अपना घर, जानिए ये है वजह

 नीतियां आज भी उतनी ही प्रसांगिक हैं जितनी पहले थीं। वो अपने नीति शास्त्र में 3 तरह की स्थितियों के बारे मेंबताते  हैं.

जिसमें मनुष्य को अपने घर या उस स्थान को त्याग देना चाहिए, जहां वो रह रहा हो। आइए जानते हैं उन 3 परिस्थितियों के बारे में|

चाणक्य के अनुसार, यदि आपके आस-पास दंगे हो जाते हैं तो उस स्थिति में उस स्थान को फौरन छोड़ देना चाहिए और कहीं और चले जाना चाहिए। वहां पर रहना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। आपको चोट भी लग सकती है और जान भी जा सकती है।

चाणक्य कहते हैं कि यदि कोई दूसरा राजा आपके राज्य पर आक्रमण कर दे तो ऐसी स्थिति में वहां से निकल जाना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर युद्ध में आपकी मौत भी हो सकती है।

अपनी कूटनीति से चंद्रगुप्त मौर्य जैसे छोटे से बालक को अखंड हिंदुस्तान का सम्राट बनाने वाले आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मनुष्य रूपी जीवन की हालातों की बात की है.

विकट वक्त में उन हालातों से निकलने के बारे में भी बताया है। तक्षशिला के गुरुकुल में अर्थशास्त्र के आचार्य रहे चाणक्य को विष्णु गुप्त और कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। उनके बताए हुए मार्गों पर चलकर अखण्ड हिंदुस्तान के कई राजाओं ने अपना शासन चलाया।