भगवान श्रीगणेश की पूजा करने से पहले बोले ये, पूरी होगी मनोकामना

भगवान गणेश को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। जिस भी मनुष्य को धन-संपत्ति पाने की इच्छा हो, उसे पूरी श्रद्धा के साथ भगवान गणेश के इन बारह नामों का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से घर से दरिद्रता कम होती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है।

भगवान गणेश को बुद्धि का देवता माना जाता है। अच्छी बुद्धि और विद्या के लिए श्रीगणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। श्रीगणेश-अंक के अनुसार, जिस भी मनुष्य को अच्छी विद्या पाने की इच्छा हो, उसे भगवान गणेश के इन 12 नामों का पाठ करना चाहिए। नियमित रूप से इनका जप करने से भगवान गणेश की कृपा हमेशा बनी रहती है और मनुष्य की हर मनोकामना पूरी होती है।

प्रथमं वक्रतुण्ड च एकदन्तं द्वितीयकम्, तृतीयं कृष्णपिड्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।।लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च, सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम्।।

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम्, एकादशं गणपतिं द्वादर्श तु गजाननम्।। द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः, न च विध्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं परम्।।

विद्यार्थी लभते विद्यां, धनार्थी लभते धनम्। पुत्रार्थी लभते पुत्रान्, मोक्षार्थी लभते गतिम्।।  भगवान गणेश के इन बारह नामों का पाठ करने से विद्या चाहने वाले को विद्या, धन चाहने वाले को धन, पुत्र चाहने वाले को पुत्र और मोक्ष की इच्छा रखने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पहला नाम है वक्रतुण्ड, दूसरा एकदन्त, तीसरा कृष्णपिड्गाक्ष, चौथा गजवक्त्र, पांचवां लम्बोदर, छठा विकट, सातवां विघ्नराजेन्द्र, आठवां धूमवर्ण, नौवां भालचन्द्र, दसवां विनायक, ग्यारहवां गणपति और बारहवां नाम गजाजन है। जो मनुष्य प्रतिदिन भगवान गणेश के इन बारह नामों का जप करता है, उसके सभी विघ्न (परेशानियां) खत्म हो जाती हैं।

प्रथमं वक्रतुण्ड च एकदन्तं द्वितीयकम्, तृतीयं कृष्णपिड्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।। लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च, सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम्।। नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम्, एकादशं गणपतिं द्वादर्श तु गजाननम्।। द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः, न च विध्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं परम्।।

श्रीगणेश अंक भगवान गणेश से जुड़ा एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें भगवान गणेश के जीवन की सभी घटनाओं और उनसे जुड़े उपायों का विवरण है।

श्रीगणेश अंक में भगवान गणेश के 12 नामों का वर्णन किया गया हैं, जिनको बोलने से मनुष्य के सभी दुखों का नाश हो सकता है और सभी इच्छा पूरी हो सकती हैं।