दिवाली से पहले चीन में आई ये बड़ी आफत , बर्बाद हुआ पूरा…

महामारी और चीन-भारत के संघर्ष के बाद कई चीनी कंपनियों ने नुकसान से बचने के लिए घरेलू बाजार और पड़ोसी देशों में अपना कारोबार शिफ्ट कर लिया था।

 

जो कंपनियां भारत में कारोबार कर रही हैं, उन्होंने भी किसी भी तरह के जोखिम से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं। भारत की व्यापार नीति या टैरिफ की वजह से कई कंपनियों ने एडवांस पेमेंट लिया है।

इन सारे कारणों की वजह से इस साल की दिवाली पर चीन के उत्पाद कम देखने को मिलेंगे और भारतीय उपभोक्ता भी धीरे-धीरे इसके असर को महसूस करेंगे।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, “कुछ भारतीय अखबारों ने ये भी दावा किया है कि चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने से चीन को करीब 400 अरब रुपये तक का नुकसान हो सकता है। ये सोच दिखाती है कि चीन के निर्यात की ताकत को लेकर भारतीयों की समझ कितनी कम है।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, भारत में दिवाली एक प्रमुख त्योहार है लेकिन चीन के छोटी वस्तुओं के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। चीन का झेजियांग प्रांत दुनिया का स्मॉल कमोडिटी का सबसे बड़ा हब है और क्रिसमस की तुलना में दिवाली में व्यापार का स्तर कुछ भी नहीं है।”

अखबार ने कुछ रिपोर्ट्स का भी जिक्र किया है जिसमें कहा गया है कि इस दिवाली सीजन में जयपुर के व्यापारियों ने चीनी लाइट्स और साजो-सामान की वस्तुएं नहीं बेचने का फैसला किया है। साथ ही, भारतीय उपभोक्ता भी भारत में बने सामान पर ज्यादा पैसा खर्च करने के लिए भी तैयार हैं।

चीन सरकार के मुखपत्र में छपे इस आर्टिकल का शीर्षक है- क्या गाय के गोबर से बने दीयों से भारत में ज्यादा अच्छी दिवाली मनेगी? ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, भारत-चीन के संबंध इस साल बुरे दौर से गुजर रहे हैं और इस बात को आसानी से समझा जा सकता है कि हर बार की तुलना में इस बार चीन के सामान का ज्यादा बड़े पैमाने पर बहिष्कार हो रहा है।

अखबार ने दावा किया है कि इससे चीनी कारोबारियों से ज्यादा भारतीयों को ही नुकसान होगा। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि इससे गरीब भारतीयों के लिए दिवाली मनाना मुश्किल हो जाएगा।

भारत में चाइना बायकाट का असर अब दिखने लगा है। ख़ास कर भारत का विशेष त्यौहार दिवाली में उपयोग होने वाली चीन आने सामानों की बिक्री पर बड़ा असर पड़ा है।

भारत में इस बार कई दुकानदार और रिटेलर दिवाली से जुड़े चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं। अब चीन को यह बात हजम नहीं हो पा रही है । चीन सरकार के मुखपत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने इसपर एक खबर छपा है।