अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद टकराव मुद्दे (Ram Janmabhoomi Babri Masjid title suit) में उच्चतम न्यायालय की पांच जजों की बेंच ने अपना निर्णय सुना दिया.
उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्णय में बोला कि अयोध्या की विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला को मिलेगा, वहीं मस्जिद के लिए उपयुक्त जगह पर 5 एकड़ जमीन मुस्लिमों को दी जाएगी. सुप्रीम न्यायालय ने शनिवार को सर्वसम्मति के निर्णय में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया व केंद्र को आदेश दिया कि मस्जिद निर्माण के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ का भूखंड आबंटित किया जाए. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस व्यवस्था के साथ ही सियासी दृष्टि से बेहद संवेदनशील 134 वर्ष से भी अधिक पुराने इस टकराव का पटाक्षेप कर दिया.
अयोध्या मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद कांग्रेस पार्टी का बयान आया. कांग्रेस पार्टी ने बोला कि वह राम मंदिर निर्माण के पक्ष में है. कांग्रेस पार्टी के रणदीप सुरजेवाला ने बोला कि उच्चतम न्यायालय का निर्णय आ गया है व हम राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं. इस निर्णय से सिर्फ राम मंदिर निर्माण का रास्ता ही नहीं खुलता है, बल्कि भाजपा व अन्य की पॉलिटिक्स का यह मामला भी समाप्त हो गया.
अयोध्या की जमीन पर मंदिर निर्माण की बात पर रणदीप सुरजेवाला ने बोला कि उच्चतम न्यायालय का फैसला आ चुका है. स्वाभाविक तौर पर आपके सवाल का जवाब हां में है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण के पक्षधर हैं.