महिलाओं में बच्चेदानी खराब होने के ये है मुख्य कारण

अगर आप कई बार कोशिश करने के बाद भी कंसीव करने में परेशानी महसूस कर रही हैं, इसके साथ पेट के निचले हिस्से और कमर में दर्द होना, पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग होना, शारिरीक कमजोरी भी फील करती हैं, तो ऐसे में आपको डॉक्टर की सलाह पर गर्भाशय संबंधी कुछ टेस्ट करवाना उपयोगी हो सकता है। ऐसे में आज हम आपको महिलाओं में बच्चेदानी की समस्या को पहचानने के लिए उसके कारण, लक्षण और उपचार बता रहे हैं।

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महिलाओं के शरीर में गर्भाशय वो जगह होती है, जहां स्पर्म धीरे-धीरे शिशु के रुप में आकार लेता है। ये 7.5 सेमी लम्बा, 5 सेमी चौड़ा तथा इसकी मोटाई 2.5 सेमी की होती है। गर्भाशय का चौड़ा भाग ऊपर की तरफ होता है और फंडस कहलाता है जबकि पतला भाग नीचे की तरफ होता है इस्थमस कहा जाता है। ये जनंनाग मूत्राशय और मलाशय के बीच मौजूद होता है।

महिलाओं में बच्चेदानी खराब होने के कारण

1. जेनेटिक कारण

महिलाओं में आनुवांशिक जीन्स में बदलाव के साथ ही गर्भाशय की कोशिकाओं की मांसपेशियों में भी भिन्नता आ जाती है। जिससे उन्हें कंसीव करने में दिक्कत महसूस होती है।

2. हॉर्मोन परिवर्तन

महिलाओं में पुरूषों की तुलना में तेजी से हॉर्मोन परिवर्तन होते हैं। उनके शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन, दो हॉर्मोन पाए जाते हैं, जो गर्भावास्था के लिए गर्भाशय को तैयार करने में मदद करते हैं। ये हर महीने महीने पीरियड्स के दौरान गर्भाशय के स्तर और विकास को बढ़ाने में मदद करता है।