यहाँ लागु नहीं होगा नागरिकता कानून, सीएम ने खुले आम मोदी सरकार को दी चुनौती कहा :’मेरे रहते हुए…’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि जब तक वह जीवित हैं तब तक बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू नहीं होगा और न ही डिटेंशन सेंटर बनेगा।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने नैहाटी उत्सव के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही। ममता बनर्जी ने कहा, ‘जब तक मैं जीवित हूं बंगाल में सीएए लागू नहीं होगा।

डेली न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, किसी को भी देश या राज्य छोडऩे की जरुरत नहीं है। बंगाल में कोई भी डिटेंशन सेंटर नहीं खुलेगा। कोई भी देश के नागरिकों के अधिकार नहीं छीन सकता।’

उन्होंने सीएए के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन का भी समर्थन किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘छात्र क्यों इस तानाशाही कानून के खिलाफ प्रदर्शन नहीं कर सकते? केंद्र सरकार प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और उन्हें विश्वविद्यालयों से निलंबित करा रही है।

जब मैं जादवपुर की सांसद थी तब मैंने शरणार्थी भाई-बहनों से वादा किया था कि उन्हें बिना किसी शर्त के जमीन दी जाएगी। मैंने अपनी बात रखी और संसद में इसके लिए आवाज उठायी।

सत्ता में आने के बाद हमने आधिकारिक रुप से 94 कॉलोनियों का गठन किया। वे सभी लोग जो 1971 या उससे पहले भारत आये हैं वे यहां के नागरिक हैं।’

बनर्जी ने आधार के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘कुछ वर्ष पहले तक सरकार फोन से लेकर बैंक अकॉउंट तक सभी चीजों को आधार से जोड़ती थी और अब वे कह रहे हैं कि आधार नागरिकता के लिए प्रमाण नहीं है। सरकार ने क्यों लोगों को आधार ङ्क्षलक कराने के लिए मजबूर किया?’

बनर्जी ने कहा, ‘लोकतंत्र का मतलब हम सब नागरिक हैं। यहां कोई राजा नहीं है, सभी के पास एक जैसे अधिकार हैं। जब तक मैं जीवित हूं तब तक बंगाल में कोई भी डिटेंशन कैंप नहीं होगा।

इन्होंने यह असम में किया क्योंकि वे वहां सत्ता में है। ये लोग इसे बंगाल में लागू नहीं कर सकते।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का कोई कार्य नहीं होगा।