रिमांड के दौरान पुलिस क्राइम सीन रिक्रिएट कराने के लिए सभी आरोपियों को गुरुवार देर रात घटनास्थल पर ले गई थी. पुलिस पूरी घटना को आरोपियों की नजर से समझना चाह रही थी. कहा जा रहा है कि इसी दौरान इन चारों ने पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश की. तभी पुलिस ने उन पर गोली चला दी.
यह एनकाउंटर बेंगलुरु-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर सुबह तड़के 3:30 बजे हुआ. महिला डॉक्टर का जला शव भी इसी हाइवे पर अंडरपास के करीब मिला था. 27-28 नवंबर की दरम्यानी रात को हैवानियत की वारदात को इन चार आरोपियों को अंजाम दिया था.
इस एनकाउंटर को लेकर हैदराबाद पुलिस की तारीफ हो रही है. यही नहीं घटनास्थल पर पहुंचे लोग पुलिस पर फूल बरसाते भी दिखे.
शमशाबाद के डीसीपी प्रकाश रेड्डी ने बताया, साइबराबाद पुलिस आरोपियों को क्राइम सीन री-क्रिएट करने के लिए लाई थी, ताकि घटना से जुड़ी कड़ियों को जोड़ा जा सके. इसी दौरान आरोपियों ने पुलिस से हथियार छीन लिए और पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी. पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिसमें आरोपियों की मौत हो गई.
एनकाउंटर में सभी आरोपियों के मारे जाने की खबर से पीड़िता का परिवार भी खुश है. पीड़िता के पिता ने कहा कि आज उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिली होगी. उनका कहना है कि रेप का शिकार हुई बाकी बेटियों के आरोपियों को भी ऐसी सज़ा मिलनी चाहिए.
हैदराबाद रेलवे स्टेशन से 24 किलोमीटर दूर शमशाबाद टोल प्लाजा है जहां पीड़िता ने अपनी स्कूटी रखी थी. यहीं पास के खाली मैदान में पीड़िता के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया. घटनास्थल के पास ही राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है.
हैदराबाद में महिला डॉक्टर से गैंगरेप और हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर को लेकर अलग-अलग राय सामने आ रही हैं. एक बड़ा वर्ग जहां इस मसले पर हैदराबाद पुलिस की तारीफ कर रहा है तो कुछ लोगों ने इस एनकाउंटर पर सवाल भी खड़े किए हैं.