चीन से तनातनी के बीच भारत ने किया इस खतरनाक मिसाइल का परीक्षण, देख पाकिस्तान के भी छूटे पसीने

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नौसेना को बधाई दी है। वहीं डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी ने इस बड़ी उपलब्धि के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और सभी कर्मचारियों, ब्रह्मोस, भारतीय नौसेना और इंडस्ट्री को बधाई दी। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल कई तरीकों से भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं में और इजाफा करेगी

बयान में कहा गया है कि मिसाइल ने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को निशाना बनाया है। बताया जा रहा है कि ब्रह्मोस ‘प्राइम स्ट्राइक हथियार’ के तौर पर लंबी दूरी तक मार करके युद्धपोत की अजेयता सुनिश्चित करने में कारगर साबित होगा। इस स्वदेशी ब्रह्मोस को भारत और रूस की तरफ से संयुक्त रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है।

भारत अब तक जहां कई विस्फोटकों का परीक्षण कर चुका है वहीं आज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भी सफल परीक्षण कर लिया है। यह परीक्षण भारतीय नौसेना के स्टील्थ डिस्ट्रॉयर से किया गया।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एक बयान जारी कर बताया कि ब्रह्मोस, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भारतीय नौसेना के स्वदेशी रूप से निर्मित स्टील्थ डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई से आज 18 अक्टूबर, 2020 को सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया गया है।