कोरोना संकट के बीच वैज्ञानिकों ने बच्चों को लेकर दी ये बड़ी चेतावनी

इस बारे में ब्रिटिश टेलीग्राफ की खबर के अनुसार, बच्चों में कोरोना के गंभीर लक्षण कम ही दिखाई देते हैं लेकिन अगर वो डायबिटीज के शिकार हैं तो उन बच्चों के लिए कोरोना बेहद खतरनाक हो सकता है। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान ब्रिटेन में 30 से ज्यादा बच्चे हॉस्पिटल आए जो डायबिटीज के शिकार थे जबकि नार्मल दिनों में 3 या 4 केस ही आते थे।

वहीँ, रिपोर्ट से ये भी पता लगा है कि डायबिटीज के मरीज कुल बच्चों में से 72 प्रतिशत बच्चों में गंभीर लक्षण दिखाई दिए हालंकि इनमें से 5 बच्चों को ही कोरोना हुआ था लेकिन शोध का कहना है कि बाकि बच्चों के लक्षण नजर नहीं आए हैं।

वहीँ, शोधार्थियों का कहना है कि हमारा मानना है कि जब कोरोना का पीक चल रहा था तभी टाइप-1 डायबिटीज के मरीज काफी ज्यादा दर्ज किये गए थे, इसलिए हमें लगता है कि कोरोना वायरस और टाइप-1 डायबिटीज का आपस में संबंध है।

इसके पीछे शोधार्थियों का तर्क है कि ये मुमकिन है कि कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन इन्सुलिन क्रिएट करने वाले सेल्स पर हमला करता हो और उन्हें मार देता हो।

कोरोना संकट के बीच वैज्ञानिकों ने बच्चों को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से बच्चे टाइप-1 डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं। इस बारे में इंपेरियल कॉलेज लंदन के एक्सपर्ट्स ने पैरेंट्स चेताते हुए कहा है कि वो अपने बच्चों में इसके लक्षणों को देखें।

वैज्ञानिकों ने बताया कि बच्चों को अगर अधिक थकावट फील होने लगे, उनमें डिहाइड्रेशन, बार-बार पेशाब जाने और वजन कम होने लगे तो ये डायबिटीज होने के लक्षण हो सकते हैं।