कोरोना महामारी के बीच सरकार ने दिया ये बड़ा आदेश, कहा मार्च और अप्रैल में नहीं ले…

प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने इस बाबत बताया कि ट्रांसपोर्टेशन सहित किसी प्रकार की फीस लॉकडाउन के दौरान नहीं ली जा सकती है.

फीस के लिए दवाब डालने की किसी तरह की शिकायत मिलने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. निजी स्कूलों से अभिभावकों को मासिक फीस के साथ ट्रांसपोर्टेशन फीस जमा करने के लिए मैसेज आ रहे हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग के इस निर्णय से अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी.

सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए बिहार निजी स्कूल (शुल्क विनियमन) विधेयक, 2019 बनाया है. इसके अनुसार स्कूल सभी प्रकार के शुल्क में अधिकतम 7 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकते हैं.

निजी विद्यालय के लिए बनाए गए इस अधिनियम और इसके अधीन बनाई गई नियमावली और अधिसूचना के किसी प्रावधान का उल्लंघन करने पर प्रथम अपराध के लिए अधिकतम एक लाख रुपए तथा आगे प्रत्येक अपराध के लिए दो लाख रुपए दंड का प्रावधान है. निर्धारित दंड एक माह के भीतर नहीं जमा करने और बार-बार नियमों का उल्लंघन के लिए दोषी पाये मान्यता रद्द हो सकती है.

अभिभावकों से निजी स्कूल मार्च व अप्रैल माह की फीस नहीं ले सकते हैं. हालांकि, ऑनलाइन क्लास लेने वाले स्कूल मासिक फीस ले सकते हैं.

लेकिन वे भी ट्रांसपोर्टेशन शुल्क नहीं ले सकते हैं. शिक्षा विभाग ने साेमवार काे यह अादेश जारी किया. विभाग ने कहा है कि लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान कोई भी स्कूल बच्चों के अभिभावकों को मासिक फीस देने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं.