अमेरिका ने लिया रूस से पंगा, दग सकती है मिसाइल , जानिए पीछे है बहुत बड़ा कारण

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन पक्के वाले दोस्त हैं। कहा जाता है कि यदि कोई राजनीतिक संरक्षण के लिए ट्रंप पर मोहम्मद बिन सलमान से ज्यादा निर्भर करता है तो वह तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन हैं।

 

नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) के सहयोगी होने के बाद भी तुर्की ने रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा है। ऐसे में यूएस कांग्रेस ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाए जाने की वकालत की थी, लेकिन ट्रंप ने इसे लागू करने से मना कर दिया था।

अकार ने कहा कि हम विकल्पों को लेकर अपने सहयोगियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने अमेरिका पर तंज कसते हुए कहा कि हम यह नहीं सुनना चाहते कि कोई हमसे कहे कि हम बेचने के लिए तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस डिलीवरी करने की इजाजत नहीं दे रही है। अमेरिकी सांसद पहले से ही तुर्की और रूस की बढ़ती गतिविधियों को लेकर गुस्से में है। ऐसे में इस बात की संभावना कम ही है कि इस डील को इजाजत मिले।

तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने कहा है कि रूस के एस-400 की खरीद के बावजूद हम अमेरिकी पैट्रियट सिस्टम खरीदने के लिए तैयार है। एस- 400 का अधिग्रहण हमारे लिए एक प्राथमिकता नहीं बल्कि समय की आवश्यकता थी।

इसका यह मतलब नहीं है कि हम नाटो से अलग हो गए हैं। पैट्रियट खरीदने के लिए शर्तों का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि अगर हमें प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त उत्पादन और वितरण कार्यक्रम से संबंधित गारंटी दी जाती है तो हम ऐसा कर सकते हैं।

रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के बाद तुर्की अब अमेरिका से पैट्रियट सिस्टम खरीदने की योजना बना रहा है। तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने कहा है कि अमेरिकी पैट्रियट सिस्टम को खरीदने के हमारे सारे विकल्प खुले हैं।

हाल के दिनों में अमेरिकी एफ-16 लड़ाकू विमान के ऊपर रूसी एस-400 डिफेंस सिस्टम को टेस्ट करने पर दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है। अमेरिका के कई सांसदों ने तुर्की के ऊपर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव भी यूएस कांग्रेस में पेश किया है।