अमेरिका ने चीन को दिया ये बड़ा झटका, भेजने जा रहा सेना

पोम्पिओ ने जर्मन मार्शल फंड के वर्चुअल ब्रसेल्स फोरम 2020 में एक सवाल के जवाब में यह कहा। पोम्पिओ ने कहा, ‘हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारी तैनाती ऐसी हो कि पीएलए का मुकाबला किया जा सके।

हमें लगता है कि यह हमारे समय की यह चुनौती है व हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे पास उससे निपटने के लिए सभी संसाधन उचित स्थान पर उपलब्ध हों.’

उन्होंने बोला कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर सैनिकों की तैनाती की समीक्षा की जा रही है व इसी योजना के तहत अमेरिका, जर्मनी में अपने सैनिकों की संख्या करीब 52 हजार से घटा कर 25 हजार कर रहा है।

पोम्पिओ ने बोला कि सैनिकों की तैनाती जमीनी स्थिति की वास्तविकता के आधार पर की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘कुछ जगहों पर अमेरिकी संसाधन कम रहेंगे. कुछ अन्य स्थान भी होंगे। मैंने अभी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से खतरे की बात कही है, इसलिए अब हिंदुस्तान को खतरा, वियतनाम को खतरा, मलेशिया, इंडोनेशिया को खतरा, दक्षिण चीन सागर की चुनौतियां हैं। ‘

अमेरिका (America) के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बृहस्पतिवार को बोला कि हिंदुस्तान (India), मलेशिया, इंडोनेशिया, व फिलीपीन जैसे एशियाई राष्ट्रों को चाइना से बढ़ते खतरे के

मद्देनजर अमेरिका संसार भर में अपने सैनिकों की तैनाती की समीक्षा कर उन्हें इस तरह से तैनात कर रहा है कि वे आवश्यकता पड़ने पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीन की सेना) का मुकाबला कर सकें।