सर्दियों के मौसम में ठंड से दूर रहने के लिए करे यह योगासान

सर्दियों के मौसम ने दस्तक दे दिया है। सुबह-सुबह गुलाबी ठंड की वजह से गर्म बिस्तर को छोड़कर न तो कहीं जाने का मन करता है और ना ही कोई काम करने का मन करता है। लेकिन काम तो करना ही है। इसके लिए शरीर को ऐसा तैयार करना होता है कि दिनभर ऊर्जावान महसूस करें और काम करने में मन भी लगे। ऐसे में योग से बेहतरीन माध्यम और कुछ नहीं हो सकता है। योग न सिर्फ हमारे शरीर को फिट रखता है बल्कि दिमाग भी हमेशा सक्रिय रहता है। शोध के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति मात्र 10 मिनट शांति से योग कर ले तो वह पूरे दिन बेहतर ढंग से काम कर सकता है।

आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके अभ्यास से आप खुद को एक्टिव कर सकते हैं। आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में विस्तार से… सुप्त मत्स्येन्द्रासन एक बहुत ही आसान योग क्रिया है। इस आसन को आप बीएड पर लेटकर भी कर सकते हैं। इस आसन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी और मांसपेशिया मजबूत होती हैं। सुप्त मत्स्येन्द्रासन करने के लिए आप सबसे पहले समतल जमीन पर लेट जाएं। अब अपने दोनों हाथों को 180 डिग्री के कोण पर या कंधों की सीख में रखें। इसके बाद अपने दायें पैर को घुटनों से मोड़ें और ऊपर उठाएं और बांये घुटने पर टिकाएं।

अब सांस छोड़ते हुए दायें कुल्हे को उठाते हुए पीठ को बाईं ओर मोड़े और दायें घुटने को जमीन पर नीचे की ओर ले जाएं। इस दौरान आपके दोनों हाथ अपनी जगह पर ही रहने चाहिए। आपके सिर का डायरेक्शन बायीं ओर रहेगा। अब इसी क्रिया को आप अपने बाएं पैर के साथ दोहराए। इस क्रिया को आप 3 से 5 बार कर सकते हैं। वक्रासन को बैठकर किया जाता है। इसमें आपका मेरूदंड सीध में होता है। इसे करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं और मेरूदंड को सीध में रखें।

अपने दोनों हाथों को आंखों की सीध में सामने हाथ पंजों को जोड़ें सांस अंदर लेते हुए दायीं तरह जाएं और सांस छोड़ते हुए वापस पूर्व की मुद्रा में आएं। अब यही क्रिया बायीं ओर करनी है। इसे आप 3 से 5 बार करें। इसे करने में जल्दबाजी न दिखाएं। यह आसन बहुत ही लाभदायक योग क्रिया है और इसे करना भी बेहद आसान है। पवनमुक्तासन का अभ्यास करने के लिए जमीन पर लेट जाएं और ध्यान रखें कि पैर दोनों एक सीध में हो और हाथ बगल में रखें हो। एक गहरी सांस लेकर उसे छोड़ते हुए अपने घुटनों को छाती की ओर ले आएं और जांघों को अपने पेट पर दबाएं। अपने हाथों को पैरों के चारों ओर इस तरह से जकड़ें जैसे कि आप अपने घुटनों को टिका रहे हों।