हाल ही में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बोला कि सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी कुर्सी बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। बीजेपी के 200 से ज्यादा विधायक अपनी ही सरकार के विरूद्ध धरने पर बैठ गए थे।
हालत ये है कि बीजेपी के करीब 300 विधायक सरकार के विरूद्ध हैं इसलिए जानबूझकर प्रदेश में बवाल के बहाने मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने की प्रयास की जा रही है। अखिलेश यादव रविवार को लखनऊ में सपा मुख्यालय पर पार्टी नेताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बोला कि हमारा लक्ष्य है बीजेपी को हटाना है। बीजेपी के लोग समाज में भेदभाव बढ़ाकर उसका फायदा लेने की प्रयास करते हैं। वहीं हम संविधान का सम्मान करते हैं व वो संविधान को नहीं मानते। आज जब देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में पहुंच गई है व इनके पास देश को दिखाने के लिए कुछ नहीं है तो समाज में एक दूसरे को जंग करवाना चाहते है।
वहीं इस बात का पता चला है अखिलेश ने बोला कि समाजवादी लोग अन्याय के विरूद्ध हैं। हम उनसे प्रयत्न करेंगे। जंहा बीजेपी सरकार को बताना चाहिए कि प्रदेश के भिन्न-भिन्न जिलों में हुई हिंसा में कितने लोगों के विरूद्ध कार्रवाई हुई? आज सभी फोटो व वीडियो उपस्थित हैं उन पुलिसवालों के विरूद्ध कार्रवाई होनी चाहिए जो जनता को धमकी दे रहे हैं लेकिन ये सीएम ऐसे हैं जिन्होंने खुद पर ही चल रहे मुकदमों को हटवा दिया व अब कुर्सी बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
एनआरसी और एनपीआर हर गरीब के विरोध हर मुसलमान के खिलाफ’: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव ने बोला कि हम सरकार को कोई दस्तावेज नहीं दिखाएंगे। वहीं हम इसी देश के नागरिक हैं। बीजेपी के लोग बेरोजगारी व अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ये सब कर रहे हैं। गांवों में लोगों के पास दस्तावेज नहीं हैं वो कैसे प्रमाणित करेंगे कि वो इसी देश के रहने वाले हैं। जंहा मैं अपना कोई भी दस्तावेज नहीं दिखाऊंगा। अखिलेश ने बोला कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर व राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर देश के गरीब, मुसलमान व माइनॉरिटी के विरूद्ध है।