अमेरिका के बाद अब इस देश ने किया चीन का विरोध, कहा होना चाहिए…

चीन ने दावा किया है कि वह महामारी (Epidemic) से सफलतापूर्वक निपटा है और अब वह अपनी वन-पार्टी मॉडल के बचाव में उतरेगा, वहीं खुफिया एजेंसियों का मानना है कि बोरिस जॉनसन और अन्य मंत्रियों को यथार्थवादी सोच अपनानी होगी और उन्हें विचार करना होगा कि ब्रिटेन अब चीनी संबंध पर किस प्रकार से प्रतिक्रिया करे. सवाल यह उठता है .

 

क्या ब्रिटेन डिजिटल कम्युनिकेशन और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जैसे हाई-टेक कंपनियों पर प्रतिबंध लगाना चाहता है और या फिर अपनी विभिन्न यूनिवर्सिटीज में चीनी छात्रों की छंटाई करेगा.

उल्लेखनीय है कि जॉनसन खुद कोरोना (Corona virus) से संक्रमित हो गए थे और कल ही अस्पताल से उन्हें छुट्टी मिली है.कोरोना (Corona virus) का असर चीन के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर पड़ता दिख रहा है.

अमेरिका तो चीन पर लगातार हमलावर है और अब ब्रिटेन में भी चीन का विरोध शुरु हो गया है. ब्रिटिश खुफिया एजेंसी का मानना है कि उनके देश को चीन के साथ संबंधों का दोबारा मूल्यांकन करने की जरूरत है.

उसका मानना है कि हाई-टेक तथा रणनीतिक उद्योग में चीनी निवेश पर नियंत्रण होना चाहिए. ब्रिटिश कूटनीतिज्ञ और चीन में काम कर चुके चार्ल्स पार्टन का कहना है .

लंदन-बीजिंग के रिश्ते पर दोबारा विचार करने की जरूरत है क्योंकि चीन इसे दीर्घ अवधि के लिए पश्चिमी देशों के साथ प्रतियोगिता के रूप में देखता है. उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में कोरोना (Corona virus) से 10 हजार से अधिक मौत हो चुकी है.