बिहार में चुनाव के नतीजे आने से पहले बीजेपी ने किया ये काम, जानकर लोग हुए हैरान

सूत्रों के अनुसार गैर एनडीए उम्मीदवारों से जो संवाद हो रहा है, उसमें सीधे तौर पर भाजपा या जदयू के नेता शामिल नहीं है। बल्कि उनके शुभचिंतक संवाद कर रहे हैं।

 

पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि जो भी नतीजे आएंगे, उनके अनुसार रणनीति बनाई जाएगी। चुनाव और चुनाव के बाद की स्थिति में अलग-अलग होती हैं। दोनों रणनीति अलग-अलग तरीके से अमल में लाई जाती हैं। लोजपा और छोटे दलों को लेकर भी भाजपा फिर से विचार कर सकती है।

संकेत है कि अगर एनडीए बहुमत से कुछ सीटें दूर रहेगा तो वह महागठबंधन के बाहर के दलों का सहयोग भी ले सकता है। इस बात की भी संभावना बन सकती है कि महागठबंधन के साथ गए दलों में भी फूट पड़ सकती है।

भाजपा नेताओं का मानना है कि महागठबंधन से चुनाव लड़ रहे कई नेता ऐसे हैं, जो राजद के नेतृत्व में सरकार नहीं चाहेंगे। ऐसे में सारी संभावनाएं खुली हुई है और राजग भी खुले मन से सब पर विचार करेगा।

एनडीए के नेताओं का दावा अपने बहुमत का है, लेकिन अगर नतीजों में एनडीए बहुमत से कुछ सीटें दूर रहता है तो जोड़-तोड़ कर अपनी सरकार बनाने की कोशिश भी की जाएगी।

एग्जिट पोल अनुमानों के बाद चिंता तो है, लेकिन उसके नेताओं का मानना है कि नतीजे इस तरह के एकतरफा नहीं होंगे। भाजपा सूत्रों के अनुसार, चुनाव नतीजों के अनुसार सभी तरह की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इसके लिए पार्टी अपने स्तर पर काम कर रही है।

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के पहले सत्तारूढ़ एनडीए ने संभावित परिस्थितियों के मुताबिक अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। एग्जिट पोल अनुमानों के बाद से परोक्ष रूप से विभिन्न स्तरों पर गैर एनडीए उम्मीदवारों से संपर्क स्थापित करना शुरू कर दिया गया है। इनमें वह नेता शामिल हैं, जिनके चुनाव जीतने की संभावनाएं ज्यादा हैं।