बिहार चुनावः इन नेताओ को मिली बराबर वोट , रोचक हुआ मुकाबला, जानिए आगे…

वैशाली से आने वाले राजद के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के बाद राजद को किसी मजबूत राजपूत चेहरे की तलाश थी। आनंद मोहन बिहार में राजपूतों का चर्चित नाम रहे हैं। इसी सोच के साथ लवली आनंद को राजद ने एंट्री दी।

 

सहरसा विधानसभा सीट इस बार महागठबंधन व एनडीए के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनेगी। हालांकि इस सीट पर अभी राजद का कब्जा है, लेकिन पिछली बार की अपेक्षा इस बार समीकरण अलग है। पिछली बार जहां जदयू राजद के साथ था। इस बार जदयू एनडीए गठबंधन में है।

लवली आनंद 1994 के उपचुनाव में अपने पति की नवगठित बिहार पीपुल्स पार्टी से वैशाली सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंची थीं। फिर वो बाढ़ और नबीनगर से एक-एक बार विधायक भी रहीं। पिछला विधानसभा चुनाव उन्होंने हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के टिकट पर शिवहर सीट से लड़ा था और महज 461 वोटों के मामूली अंतर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार अभी एनडीए के उम्मीदवार आलोक रंजन झा (55299 वोट) महागठबंधन प्रत्याशी लवली आनंद (35144 वोट) से आगे चल रहे हैं। बता दें कि लवली आनंद बिहार के चर्चित पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी है। आनंद मोहन इन दिनों आईएएस कृष्णैया हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।

बिहार विधान सभा चुनावों में सहरसा से आरजेडी की कैंडीडेट लवली आनंद पीछे चल रही हैं। बीजेपी के आलोक रंजन 20 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं, दो बार विधायक रह चुकी लवली आनंद ने सीट बदलकर चुनाव लड़ा। उनके पति आनंद मोहन हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, बिहार चुनाव 2020 में सहरसा सीट सबसे चर्चित सीटों में शामिल रही।

सहरसा विधानसभा सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है। राजद प्रत्याशी लवली आनंद 20000 वोटों से पीछे हैं। एनडीए प्रत्याशी आलोक रंजन झा ने बढ़त बना ली है।