कांग्रेस के बाद अब उर्मिला मातोंडकर ने थामा इस नेता का हाथ, लगाया सीएए के खिलाफ नारा

बता दें कि उर्मिला मातोंडकर 2019 के चुनाव से पहले मुंबई में कांग्रेस पार्टी की सदस्य बनी थीं। उर्मिला पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं।

 

हालांकि उर्मिला को हार का सामना करना पड़ा था।अब सीएए का विरोध करने वाली बॉलीवुड की एक और अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर भी मैदान में कूद पड़ी है।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सिनेमा जगत की तमाम हस्तियों के विरोध करने के बाद अब फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने इस कानून की निंदा की है।

फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने नागरिकता कानून की तुलना रोलेट एक्ट से की है। हम बताते हैं आपको रोलेट एक्ट है क्या। रॉलेट ऐक्ट को ब्रिटिश शासकों ने 1919 में दूसरे विश्व युद्ध के बाद पास कराया था और इस कानून को इतिहास में काले कानून की संज्ञा दी जाती है।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना करते हुए उर्मिला मातोंडकर ने कहा,’1919 में दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने बाद अंग्रेज यह समझ गए थे कि हिंदुस्तान में उनके खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है।

इसलिए उन्होंने रॉलेट एक्ट जैसे एक कानून को भारत में लागू कराया। 1919 के इस रॉलेट एक्ट और 2019 के सिटिजनशिप अमेंडमेट एक्ट को अब इतिहास के काले कानून के रूप में जाना जाएगा।

उर्मिला से पहले बॉलीवुड से जुड़े तमाम अन्य लोगो ने भी नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना की थी। केंद्र सरकार के नागरिकता कानून का विरोध फिल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट अनुराग कश्यप और महेश भट्ट की बेटी आलिया भट्ट, दीपिका पादुकोण, नसीरुद्दीन शाह समेत तमाम ऐसे अभिनेता हैं.

जो इसके विरोध में अपना अपनी बयान दे चुके हैं। वहीं अनुपम खेर ने इस कानून के समर्थन में बात कही थी इसी बात को लेकर अनुपम खेर और नसीरुद्दीन शाह के बीच जबरदस्त भिड़ंत भी हो गई थी।

फिल्म इंडस्ट्रीज के कलाकारों को दी अब राजनीति खूब रास आ रही है। अब केंद्र सरकार की अधिकांश नीतियों पर बॉलीवुड के कई कलाकार अपनी बेबाकी से राय भी रखते दिख जाते हैं।

केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून पर बॉलीवुड तीन भागों में बंट गया है। कई फिल्मी कलाकार सीएए का विरोध कर रहे हैं तो कई समर्थन में हैं। लेकिन अधिकांश फिल्मी लोग इस कानून पर तटस्थ वाली भूमिका में है।