जातीय गणना पर रोक के बाद नीतीश सरकार जल्द करेगी ऐसा, ताकि जल्दी हो फैसला

जातीय गणना केस में पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगने के बाद अब नीतीश सरकार ने हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई की अपील की है। ताकि इस मामले में कोर्ट जल्द फैसला दे सके। क्योंकि अगली तारीख दो महीने बाद 3 जुलाई की है।सरकार चाहती है कि हाईकोर्ट इसे जल्दी सुने और इस मामले में अंतिम फैसला दे।

गुरुवार को हाईकोर्ट ने जातीय गणना पर रोक लगाते हुए अगली तारीख 3 जुलाई तय की है।- साथ कोर्ट ने जातीय गणना के डेटा को सरंक्षित करने का भी आदेश दिया था। जिसके बाद कोर्ट में सरकार का पक्ष रख रहे महाधिवक्ता पीके शाही ने कहा था कि आदेश पढ़ने के बाद ही सरकार कोई निर्णय लेगी।

वहीं याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कहा था कि सरकार ने नीतिगत फैसला लेकर जातीय गणना का काम शुरू कर दिया था। जो असंवैधानिक था। दीनू कुमार कोर्ट में दलील दी कि जातीय गणना का फैसला संविधान के खिलाफ है। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि जातीय गणना के डेटा को रिजर्व किया जाए और किसी कीमत पर लीक नहीं होना चाहिए।

गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना पर अपने अंतरिम आदेश में रोक लगी। और कहा कि जातीय गणना का डेटा संरक्षित किया जाए, और किसी भी कीमत पर लीक नहीं होना चाहिए। साथ अगली तारीख ्3 जुलाई तय की थी। लेकिन नीतीश सरकार चाहती है कि इस केस की जल्द सुनवाई हो। और फैसला भी कोर्ट जल्द सुनाए। इसलिए अब नीतीश सरकार जल्द सुनवाई की अपील की है।

वहीं इस मामले पर सियासत भी जारी है। बीजेपी जहां कोर्ट के अंतरिम आदेश को नीतीश सरकार की नाकामी बता रही है। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि हाईकोर्ट में नीतीश सरकार को हमेशा हार मिली है। तो वहीं बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा था कि राज्य सरकार जाति आधारित गणना करवाना ही नहीं चाहती थी.

जिस कारण जानबूझकर ऐसा करवाया गया। जातीय गणना कराने का प्रस्ताव कैबिनेट में पास हुआ था। तो वहीं आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने ट्वीट कर कहा कि जातीय गणना होकर रहेगी। और यही बात डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कही कि आज नहीं तो कल जातीय गणना होकर रहेगी।