रूस की कोरोना वैक्सीन लगने के बाद दो सालों तक होगा ये, इंसानों को…छू नहीं सकेगा…

रूस की कोरोना वैक्सीन पर दुनिया के कई देशों के एक्सपर्ट्स सवाल उठा रहे हैं। पिछले सप्ताह जहां डब्लूएचओ ने वैक्सीन की जल्दबाजी को लेकर आगाह किया था.

 

वहीं अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ एंथोनी फॉसी ने वैक्सीन को लेकर रूस और चीन दोनों के ऊपर सही प्रक्रिया का पालन करने पर संदेह जताया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि संगठन अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने के लिए रूस के साथ संपर्क में है।

अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग गामालेया अनुसंधान केंद्र और एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक हैं। यह वही संस्थान है, जिसने कोरोना वायरस की वैक्सीन को विकसित किया है।

रूस के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन का पहला बैच दो सप्ताह के अंदर ही आ जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने बुधवार को कहा कि कोरोनो वायरस संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन के पहले पैकेजेस अगले दो सप्ताह के भीतर प्राप्त हो जाएंगे।’

रूस के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ कम से कम दो सालों तक कोरोना वायरस से सुरक्षा प्रदान करेगी। रूसी न्यूज एजेंसी टीएसएसएस के अनुसार, गामालेया अनुसंधान केंद्र के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा, ‘रूस की कोरोना वैक्सीन का असर सिर्फ छह महीने या सालभर तक के लिए नहीं होगा, बल्कि यह दो साल तक असर करेगी और वायरस को दूर रखेगी।

हालांकि दुनिया के कई एक्सपर्ट्स इसके पूरी तरह से सुरक्षित होने के दावे पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अब रूस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने वैक्सीन को लेकर नया दावा किया है।

दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी के लिए रूस ने ‘स्पूतनिक वी’ नामक वैक्सीन बनाई है। राष्ट्रपति पुतिन ने दावा किया है कि यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है और असरदार है।