भारत के बाद अब इस देश के साथ हुआ चीन का विवाद, इस्तेमाल करने जा रहा…

वो कहते हैं, “2017 में एक कोने में स्थित जिस जगह पर विवाद हुआ था, उसके अलावा चीन डोकलाम पर क़ब्ज़ा कर चुका है. और अब छोटे से भूटान के पूर्वी क्षेत्र के एक बड़े हिस्से पर दावा कर वो अपने पुराने पैकेज की जगह नया पैकेज देने की कोशिश करेगा.”

 

चीन की पुरानी पेशकश थी कि भूटान डोकलाम पर अपने दावे को छोड़ देगा, जिसके बदले में वो उसे सेंट्रल सेक्शन सौंप देगा. भूटान इस पर सहमत नहीं था. माना जाता है कि भारत के कहने पर उसने ऐसा किया था.

सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी कहते हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शायद ये पहला मामला है जब एक देश ने दूसरे देश के उस क्षेत्र पर दावा किया है, जहाँ सिर्फ़ एक तीसरे देश से पहुँचा जा सकता है.

चेलानी कहते हैं कि चीनी प्रवक्ता की बात से लगता है कि चीन भूटान को एक नया पैकेज ऑफर कर रहा है, क्योंकि वो पहले ही भूटान में लगभग पूरे डोकलाम पर क़ब्ज़ा कर चुका है.

पूर्वी भूटान पर चीन का दावा नया है, क्योंकि इससे पहले उसने कभी भी सकतेंग वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी पर दावा नहीं जताया था. ये सैंक्चुरी अरुणाचर प्रदेश की सीमा के नज़दीक पड़ती है.1984 के बाद से विवादित सीमा को लेकर 24 बार बातचीत हुई, तब चीन ने ऐसा कोई दावा नहीं किया था.

चीन के इस प्रस्ताव पर हैरानी जताई जा रही है कि क्या वो पूर्वी भूटान पर अपने पुरज़ोर दावे और इसे भारत पर दबाव बनाने की एक रणनीति के तौर पर इस्तेमाल करने के बाद अब भूटान के सामने एक नई डील पेश कर रहा है.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “चीन अपने स्टैंड पर बना हुआ है. चीन और भूटान के बीच सीमांकन नहीं हुआ है और मध्य, पूर्वी और पश्चिमी सेक्शन को लेकर विवाद है.”उन्होंने कहा कि यही वजह है कि चीन “विवाद सुलझाने के लिए एक पैकेज समाधान पेश कर रहा  है.”

चीन ने मंगलवार को भूटान स्थित सकतेंग वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी पर अपने हालिया दावे का बचाव किया. चीन ने कहा कि दोनों देशों के बीच अब तक सीमांकन नहीं हुआ है और उसने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक ‘पैकेज समाधान’ का प्रस्ताव रखा.