अमेरिका पर गुस्सा जताते हुए कहा कि तुर्की को अपने उपकरणों का परीक्षण करने का अधिकार है. अमेरिका का रुख हमारे लिये किसी भी प्रकार से बाध्यकारी नहीं है.
हमें अमेरिका से पूछने की जरूरत नहीं है. एर्दोगन ने अमेरिका पर प्रतिबंधों को लेकर दोहरा मानदंड अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नाटो का सदस्य ग्रीस भी तो एस-300 मिसाइल रक्षा प्रणाली का इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने पूछा, ”क्या अमेरिका ने उसे कुछ कहा?’
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी करके तुर्की के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. होफमैन ने कहा, ‘S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के सक्रिय होना तुर्की के अमेरिका के सहयोगी और नाटो सदस्य होने के नाते किए गए वादे से मेल नहीं खाता है.’
बता दें कि तुर्की ने आखिरकार खुलेआम स्वीकार कर लिया है कि उसने अमेरिका के एफ-16 लड़ाकू विमान के खिलाफ रूस की एस-400 डिफेंस सिस्टम को टेस्ट किया है.
तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोगन ने शुक्रवार को इस टेस्ट की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि उनके देश ने अमेरिका की आपत्तियों के बावजूद रूस-निर्मित एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का परीक्षण कर लिया है.
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जोनाथन रथ होफमैन ने एक बयान जारी करके कहा, ‘अमेरिका का रक्षा मंत्रालय तुर्की के 16 अक्टूबर को किए गए S-400 सिस्टम के परीक्षण की कड़ी निंदा करता है.
इस परीक्षण को तुर्की के राष्ट्रपति ने खुद स्वीकार किया है.’ उन्होंने कहा कि हम तुर्की के S-400 सिस्टम के परीक्षण पर आपत्ति जताते हैं जिससे हमारे सुरक्षा संबंधों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है.’
रूस के S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को लेकर अमेरिका और तुर्की के बीच विवाद गंभीर रूप लेता जा रहा है. तुर्की के S-400 सिस्टम के इस्तेमाल को स्वीकार करने के बाद अमेरिका बुरी तरह से भड़क गया है.
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने तुर्की को चेतावनी दी है कि उसे वॉशिंगटन के साथ रिश्तों में गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है. अमेरिका ने तुर्की के परीक्षण की कड़ी निंदा की.