चीन के बाद अब नेपाल ने किया ये काम, झाड़ियों के बीच…

इस संबंध मे एसएसबी (SSB) कैमरे पर कुछ भी बोलने से बच रही है, लेकिन उनका कहना है की सीमांकन में तीन पिलर्स का इस्तेमाल होता है. एक मुख्य पिलर, दूसरा सहायक पिलर और दो सहायक पिलरों के बीच छोटे छोटे माइनर पिलर होते हैं. विवादित जगह पर माइनर पिलर मिसिंग हैं, इसलिए सीमा का निर्धारण मुश्किल हैं.

 

जबकि स्थानीय वालों का कहना है कि पिलर ससरिवा नदी के पार नेपाल के वॉच टावर के पीछे झाड़ियों के बीच है, ऐसे में एसएसबी का बॉर्डर सुरक्षा का कार्य सवालों के घेरे में है. जब एसएसबी का मुख्य कार्य बॉर्डर पिलर की सुरक्षा है, तो ऐसे में पिलर कैसे मिसिंग हो गए.

ये दो सहायक पिलर के बीच का माइनर पिलर (Minor Pilor) है, जो वॉच टॉवर के पीछे झाड़ियों के बीच नेपाल की तरफ है, लेकिन नेपाल ने पिलर के आगे भारतीय सीमा क्षेत्र में वॉच टावर बना लिया हैं.

नेपाल (Nepal) अर्धसैनिक बल के जवानों ने बॉर्डर के पैंटोका गांव के पास पिलर संख्या 292/13 से 292/18 के बीच एक वॉच टॉवर (watchtower) का निर्माण किया है. बॉर्डर के नजदीक रहने वाले भारतीय क्षेत्र के लोगों का कहना है की यह वॉच टावर नेपाल (Nepal) ने भारतीय सीमा में 20 गज अंदर बना दिया है.