आखिरकार इस देश ने बनाई कोरोना की दवा, 30 हजार लोगों को दी जाएगी खुराक

अमेरिका में कोरोना की पहली वैक्सीन का ट्रायल किया गया है वह वैज्ञानिकों की उम्मीद के मुताबिक लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

 

 

सरकार को उम्मीद है कि इसके परिणाम साल के अंत तक सामने आ जाएंगे। इस वैक्सीन की एक महीने के अंतर पर दो खुराक दिया जाना जरूरी है। इसके कोई गंभीर दुष्परिणाम नहीं हैं।

इससे पहले भी ट्रंप सरकार की ओर से अप्रैल महीने में कंपनी को 483 करोड़ डॉलर की मदद राशि प्रदान की गई थी। उस समय उनकी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरुआती स्टेज में था। इस प्रकार अब तक मॉडर्ना कंपनी को ट्रंप सरकार की ओर से 955 करोड़ डॉलर की राशि दी जा चुकी है।

मॉडर्न इंक ने बताया कि उन्होंने अमेरिका से अतिरिक्त 472 करोड़ डॉलर प्राप्त हुए हैं। सरकार की ओर से बायोमेडिकल उन्नत अनुसंधान और विकास प्राधिकरण (BARDA) ने कोरोना वैक्सीन को बनाने में मदद के लिए यह राशि कंपनी को प्रदान की है। कंपनी ने कहा है कि इस राशि से उन्हें कोरोना वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल में काफी मदद मिलेगी, जो 27 जुलाई से शुरू हो रहा है।

कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए दुनियाभर के करोड़ों लोग वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं। अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना वैक्सीन लाने के बेहद करीब है। मॉडर्ना की वैक्सीन का सोमवार से फाइनल स्टेज का ट्रायल शुरू हो गया है।

इस बीच अमेरिका की ट्रंप सरकार ने वैक्सीन को बनाने में मदद के लिए बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (BARDA) की ओर से मॉडर्ना कंपनी को 472 करोड़ डॉलर दिए हैं।