गलवान हिंसा के 20 दिन बाद चीन ने उठाया ये बड़ा कदम , तैयारी कर रहा…

फिर चाहे वह आर्थिक हो, सामरिक हो या फिर कूटनीतिक। 15 जून की रात हुई इस खूनी झड़प के बाद 20 दिन में भारत ने ड्रैगन को 20 बड़े झटके दिये हैं। आइये जानते हैं- ड्रैगन को कुचलने वाले कौन से हैं वो 20 बड़े फैसले।

गलवान घाटी (Galvan Valley) में हुई हिंसा के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव तेज़ी से बढ़ रहा है। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए भारत, चीन के खिलाफ हर मोर्चे पर सख्त तैयारी कर रहा है।

इस साल के अंत में होने जा रही विस्‍तारित G 7 समिट को लेकर रूस ने कहा है कि इसमें चीन का आना जरूरी है. ये बात उप-विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने शनिवार को कही है. हालांं‍कि, उन्‍होंंने जी 7 में रूस की भूमिका को लेकर वॉशिंगटन से किसी भी तरह की बातचीत से इनकार किया है.

TASS समाचार एजेंसी के एक सवाल पर उन्‍होंने ये टिप्‍पणी की. जबकि रूस में अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन ने शुक्रवार को आरबीसी टीवी से कहा कि वाशिंगटन ‘रूसी विदेश मंत्रालय के साथ और अन्य जी 7 देशों (G7 Nations) की सरकारों के साथ इस पर बात कर रहे थे कि क्या रूस की जी 7 में एक उपयुक्त भूमिका है.’

इससे पहले 1997 से 2014 तक रूस इस समूह का हिस्‍सा था. लेकिन 2014 में क्रीमिया पर कब्‍जे के बाद रूस को इससे बाहर निकाल दिया गया था. तब तक इस समूह जी-8 के नाम से जाना जाता था.

वहीं कनाडा और फ्रांस सहित अन्य जी 7 देशों ने रूस की वापसी पर आपत्ति जताई है. उधर रयाबकोव ने कह दिया है कि एक विस्तारित जी 7 शिखर सम्मेलन (expanded Group of Seven summit) से चीन की अनुपस्थिति अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा को असंभव कर देगी.

जाहिर है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Trump) ने इस समूह में रूस की वापसी की संभावना को बढ़ा दिया है, जिसमें दुनिया की सबसे उन्नत अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं.

ट्रम्प ने पिछले महीने कहा था कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) को समूह में फिर से शामिल होने के लिए आमंत्रित करना ‘कॉमन सेंस’ की बात थी.