15 साल बाद आखिर कैसे 925 रुपये की अंगूठी 68 करोड़ की हुई नीलाम, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

हम सब के मन में एक तमन्ना ज़रूर होती है कि हमारा कोई भी पुराना समान हो वो ज़्यादा कीमत में बिके, लेकिन अगर ऐसा हो कि आप का कोई समान जो कुछ सौ रूपए का हो और वो करोडो का हो जाए तब, तो आप कहेंगे कि इससे गन्दा मज़ाक क्या हो सकता है. लेकिन आज हम जो कहानी आपको सुनाने जा रहे उसमे कुछ ऐसा ही हुआ है.


बता दें कि करीब 30 साल पहले एक युवती को उसकी मां ने सेल से 10 पाउंड यानी 925 रुपये की एक अंगूठी खरीद कर गिफ्ट की थी। जिसको वो बीते 15 साल से ऐसे ही राखी हुई थी और उसने ये अंगूठी पहनी भी नहीं थी। एक दिन बहुत जरूरत पड़ने पर उसने सोचा कि उसे अंगूठी बेच देनी चाहिए और वह उसे लेकर ज्वेलरी शाॅप में पहुंची।

पहले तो इस अंगूठी को देख कर सुनार हैरान हो गया लेकिन कुछ देर बाद ज्वैलर ने बताया कि उसमें जड़े जिस नग को वो नकली और कांच का समझ रही थी वो वास्तव में कीमती हीरा है। इसके बाद जब उसे नीलाम किया गया तो नग की बोली 740,000 पाउंड यानि 68 करोड़ रुपये लगाई गई।

ठगी में पैसे गंवाने के चलते बेचना चाहा

बता दें कि पश्चिम लंदन के ट्विंचनम में रहने वाली डेब्रा गोडार्ड नाम की 55 साल की महिला की मां ठगी का शिकार होकर काफी रकम गंवा बैठीं। एेसे में अपनी हालिया जरूरत को पूरा करने के लिए उन्होंने ये अंगूठी बेचने के विचार किया।

वहीं एक अखबार द सन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक डेब्रा को अंदाजा भी नहीं था कि वो इसकी वजह से मालामाला होने वाली हैं। ये तो ज्वेलर ने ही उन्हें बताया कि अंगूठी में लगा नग 6.27 कैरेट हीरा है। उन्होंने बताया कि जांच के बाद हैरान ज्वेलरी शाॅप वाले ने उनसे पूछा कि क्या वो जानती हैं कि वो क्या बेच रही हैं। ये बेशकीमती हीरा है इसकी जानकारी मिलने से वो खुशी से फूली नहीं समा रही थीं।

जब डेब्रा अंगूठी की कीमत पता तो उन्होंने इसे नीलाम करने का फैसला किया और नीलाम घर सूदबी की मदद ली। 68 करोड़ में नीलाम होने के बाद डेब्रा के पास नीलामी की कीमत और टैक्स जमा करने के बावजूद लगभग 40 करोड़ रुपये मिले। कई चैरिटी कामों के साथ जुड़ी होने के अलावा डेब्रा करीब 20 अनाथ बच्चों की अपने घर में देखभाल भी करती हैं। इसीलिए वे इन पैसों को अपने अच्छे कामों का फल मानती हैं। फिल्हाल बच्चों की बेहतर व्यवस्था और कुछ रकम बचत में डालने के बाद वे अपनी मां के साथ बारबोडास और वागेस में छुट्टियां मनाने भी गई।