सरकारी नौकरी करने वालों के लिए पैनल की तरफ से सिफारिश

अभी तक सरकारी नौकरी करने वालों को केवल 8 घंटे काम करना पड़ता था। लेकिन अब केंद्र सरकार की तरफ से एक ड्राफ्ट जारी किया गया है। इस ड्राफ्ट में सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के 9 घंटे की ड्यूटी की सिफारिश की है। जी हां केंद्र सरकार की तरफ से सरकारी कर्मचारियों के कामकाज की अवधि को 9 घंटे किए जाने के लिए एक वेज कोड रूल्स का ड्राफ्ट जारी किया गया है। हालांकि सरकार द्वारा इसमें मिनिमम वेज की घोषणा नहीं की गई है। इस ड्राफ्ट में सरकार ने अधिकतर पुराने सुझावों को ही तवज्जो दी है और उन्हें ही इस ड्राफ्ट में शामिल किया गया है।

फिलहाल सरकार ने अपने ड्राफ्ट में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी तय करने के लिए देश को तीन जियोग्राफिकल हिस्सों में विभाजित किया है। हालांकि सरकार की तरफ से जारी किये गए इस ड्राफ्ट में मिनिमम वेज निर्धारित किए जाने के कोई भी साफ़ निर्देश नहीं दिए गए हैं। इस ड्राफ्ट में सरकार ने कहा कि मिनिमम वेज तय करने की सिफारिश भविष्य में एक एक्सपर्ट कमेटी करेगी। फिलहाल अभी सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी 8 घंटे काम करते हैं और 26 दिन का काम पूरा करने के बाद उनका वेतन तय किया जाता है। फिलहाल इस ड्राफ्ट में 8 घंटे के कामकाज को बढाए जाने के बारे में भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया है।

गौरतलब है कि इससे पहले मिनिमम वेज 375 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से निर्धारित किए जाने की सिफारिश श्रम मंत्रालय के एक इंटरनल पैनल की तरफ से जनवरी माह में की गई थी। पैनल की तरफ से सिफारिश की गई थी कि इस मिनिमम वेज को जुलाई 2018 से लागू किया जाए। मिनिमम मंथली वेज को लेकर सात सदस्यीय पैनल ने 9750 रुपए प्रति माह निर्धारित किए जाने की भी सिफारिश की थी। इसके अलावा इस पैनल द्वारा शहरी कामगारों के लिए 1430 रुपए का हाउसिंग अलाउंस भी प्रदान किए जाने का सुझाव सरकार के समक्ष रखा गया था। फिलहाल जारी किए गए ड्राफ्ट में देश को तीन जियोग्राफिकल वर्गों में बांटने की सिफारिश की गई है ताकि मिनिमम वेज तय किया जा सके।