राहुल से आधी से भी कम उम्र की एक लड़की ने दिया ये चैलेंज, फिर करके दिखाया…

शशि कुमार कहते हैं कि ऐसा इसलिए नहीं है कि कांग्रेस का यहाँ आधार है, बल्कि इसलिए है कि अपवाद स्वरूप कर्नाटक को छोड़ दें, तो दक्षिण भारत में बीजेपी का कोई दख़ल नहीं है.

 

शशि कुमार कहते हैं, ”मुझे यह काफ़ी चौंकाने वाला लगा कि राहुल समंदर में तैर सकते हैं, पुशअप्स मार सकते हैं और किसी एथलीट की तरह हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना में क़द काठी के मामले में भी आगे हैं. लेकिन यह अच्छा विरोधाभास है. सियासत में मांसपेशियों के प्रदर्शन को हवा राजीव गाँधी ने नहीं दी, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी ने दी. 56 इंच के सीने की बात पहली बार मोदी ने ही कही थी.”

मीडिया में राहुल को लेकर इस रुख़ के दूसरे कारण भी हैं. द हिंदू अख़बार के पूर्व प्रधान संपादक एन राम कहते हैं, ”दक्षिण भारत की राजनीति उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों की तरह कम ज़हरीली है, जहाँ हिन्दुत्व की राजनीति बेलगाम है. यहाँ की राजनीति में वैसी असभ्यता नहीं है.”

राहुल गाँधी के दौरे और उनकी गतिविधियों को लेकर दक्षिण भारत के मीडिया और सोशल मीडिया में जिस तरह की तवज्जो मिली, उसे लेकर यहाँ के मीडिया विश्लेषक हैरान नहीं हैं. कुछ तो ऐसा मानते हैं कि दक्षिण भारत उनके लिए मुश्किल राजनीति से पलायन है.

भारत के पहले स्थानीय टेलीविज़न चैनल के संस्थापक शशि कुमार कहते हैं, ”राहुल के लिए यह कोई कच्चा सौदा नहीं है. मीडिया उन्हें लंबी पारी देना चाहता है. ज़ाहिर है कि कई बार वे इसके लिए बोलते भी हैं. क्षेत्रीय टीवी चैनल अपने इलाक़े में बहस को पैदा करने का माद्दा रखते हैं, लेकिन ये मर्यादा से बाहर नहीं जाते हैं.”

पिछले हफ़्ते सोशल मीडिया पर राहुल गाँधी की ये गतिविधियाँ छाई रहीं, ख़ासकर दक्षिण भारत में. दूसरी तरफ़ मुख्यधारा के मीडिया, अख़बार और टीवी दोनों पर राहुल गाँधी की छात्रों और मछुआरों से बातचीत को पूरी प्राथमिकता दी गई. उत्तर भारत के चैनलों में राहुल को लेकर शायद ही ऐसा रुख़ होता है.

ऐसा लगा कि 50 साल के राहुल गाँधी दक्षिण भारत के सभी राज्यों और ख़ास कर चुनाव वाले तमिलनाडु और केरल में लोगों का ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहे और लोगों के बीच किसी अजनबी की तरह नहीं लगे.

राहुल गाँधी ने अरब सागर में छलाँग लगाई और आराम से दूर तक तैरते गए. केरल में नाव पर सवार सभी मछुआरे हैरान रह गए. तमिलनाडु में राहुल से आधी से भी कम उम्र की एक लड़की ने उन्हें फ़िटनेस चैलेंज दिया, तो उन्होंने बड़ी सहजता से इसे स्वीकार कर लिया. राहुल ने किसी नौजवान की तरह दिखाया कि वो अइकिडो मार्शल आर्ट जानते हैं.