भारतीय टीम के कैप्टन संसार के उन एक बल्लेबाजों में से एक हैं, जिनका नाम सुनते ही महान से महान बॉलर भी उनके गेंदबाजी करने में कतराते हैं।
हालांकि एक समय ऐसा भी था, जब क्रिकेट की संसार में पैर रखने के कुछ ही समय बाद उन्हें लगा था कि अब उनका करियर समाप्त होने वाला है। क्रिकेट के साथ उनका सफर यहीं तक था, लेकिन यह बात व है कि वह आज संसार के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं। अपने सबसे दवाब भरे समय के बारे में बताते हुए उन्होंने करीब 10 वर्ष पहले का जिक्र करते हुए इसे अपने ज़िंदगी का सबसे बुरा समय बताया है।
भारत-पाकिस्तान के मैच के दौरान अपने सबसे हाई-प्रेशर वाले मूमेंट के बारे में बात करते हुए2009 में पाक के विरूद्ध चैंपियंस ट्रॉफी का समय मेरे लिए सबसे दबाव भरा लम्हा था।
उस दिन जब मैं क्रीज पर आया तो बेहद बेकार शॉट खेला, जिसके बाद मैं प्रातः काल के 6 बजे तक नहीं सो पाया। उस दिन मुझे लग रहा था कि मेरा करियर बस यहीं समाप्त हुआ वअब मैं कभी क्रिकेट नहीं खेल पाउंगा। यह अनुभव सबसे बेकार था, इससे पहले मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया था’
बता दें सेन्चूरियन में 2009 में पाक के विरूद्ध चैंपियंस ट्रॉफी में विराट कोहली मात्र 16 रन बनाकर आउट हो गए थे, जिसके बाद हिंदुस्तान को पाक से 54 रनों से पराजय का सामना करना पड़ा था।
वहीं उन्होंने पाक के साथ खेले सबसे मजेदार लम्हे के बारे में बात करते हुए बताया कि ‘2011 के वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले में मैं नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़ा था व मैंने शाहिद अफरीदी व वहाब रियाज की वार्ता सुन ली थी। वह बेहद मजेदार लम्हा था, लेकिन उन दोनों के बीच क्या वार्ता हुई, इसके बारे में मैं अभी यहां कुछ भी नहीं बता सकता। ‘