भारतीय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आधाकारिक दस्तावेज यह दिखाते हैं कि इंडियन वायुसेना के पास इस समय लड़ाकू स्कवाड्रन की संख्या 30 है जो 2021 व 2022 में घटकर 26 हो जाएगी. तब तक सोवियत युग के मिग एयरक्राफ्ट के 6 स्कवाड्रन को सेवा मुक्त कर दिया जाएगा. वहीं इनकी स्थान केवल एक स्कवाड्रन राफेल व भारत एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा बनाए गए एलसीए तेजस को शामिल किया जाएगा.
हिंदुस्तान के बेड़े में शामिल होने वाले लड़ाकू स्कवाड्रन की संख्या 2027 में 30 होगी. तबतक एलसीए तेजस के चार व स्कवाड्रन वायुसेनो को सौंप दिए जाएंगे. 83 एलसीए तेजस मार्क 1 के मसौदे पर वायुसेना व एचएएल को अभी हस्ताक्षर करना बाकी है. वर्तमान अनुमान के अनुसार, दस्तावेज दिखाते हैं कि लड़ाकू स्कवाड्रन की संख्या 2037 तक 21 व 2042 तक 19 रह जाएगी. इस कमी की भरपाई करने के लिए योजना है कि तेजस मार्क 1 व मार्क 2, के 18 स्कवाड्रन व विदेशी लड़ाकू विमान के 6 स्कवाड्रन को लाया जाए. विदेशी विमान के लिए पिछले वर्ष एक प्रारंभिक जांच की गई थी.