महत्वपूर्ण बात यह है कि यह चीनी कंपनी एक-दूसरे से जुड़ाव का भी डेटाबेस तैयार करती है जिसमें लोगों, संस्थानों और सूचनाओं के साथ संबंध का रेकॉर्ड रखा जाता है।
इस विशाल डेटाबेस को तैयार करने के पीछे चीन का मकसद अपने लक्ष्य को लेकर जनता के मन में क्या चल रहा है, उसका पता लगाना होता है। चीनी कंपनी सोशल मीडिया पर अपने लक्ष्य के किसी पोस्ट पर उसके फॉलोवर्स के क्या कॉमेंट आ रहा है और कितने लाइक आ रहे हैं, इसका विश्लेषण करती है।
इसके अलावा चीनी कंपनी अपने लक्ष्य के कहीं आने जाने पर उसके भौगोलिक लोकेशन का आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की मदद से पता लगाती रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि विदेश कंपनी के इस तरह के डेटा को जुटाने पीछे एक खतरनाक मकसद छिपा हुआ है। यह है ‘हाइब्रिड वॉरफेयर’ जिसमें चीनी कंपनी खुद को विशेषज्ञ बताती है।
चीन की कंपनी राजनीति, सरकार, बिजनस, टेक्नॉलजी, मीडिया और सिविल सोसायटी को अपने निशाने पर लेती है। कंपनी का दावा है कि वह चीन की खुफिया एजेंसी, सेना और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम करती है।
यह चीनी कंपनी डिजिटल दुनिया में अपने टारगेट के हरेक कदम की बारीकी से नजर रखती है। इसके जरिए वह एक ‘सूचना लाइब्रेरी’ तैयारी करती है जिसमें कंटेंट को केवल न्यूज सोर्स, फोरम के रूप में नहीं रखा जाता है बल्कि दस्तावेज, पेटेंट, भर्ती के पदों की भी सूचना रखी जाती है।
इंडियन एक्सप्रेस अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चीन सरकार से जुड़ी हुई कंपनी झेन्हुआ चीन के शेनजेन शहर में स्थित है। इस चीनी कंपनी के विदेशी लक्ष्यों के डेटाबेस में भारत के 10 हजार लोग और संगठन शामिल थे।
यह कंपनी बिग डेटा का इस्तेमाल ‘हाइब्रिड वॉरफेयर’ और ‘चीन के व्यापक कायाकल्प’ के लिए काम करती है। इस कंपनी ने भारत में रियल टाइम निगरानी के लिए जिन लक्ष्यों की पहचान की थी, वे बड़े व्यापक थे। आइए जानते हैं क्या है हाइब्रिड वॉरफेयर और भारत के खिलाफ क्या है चीन का खतरनाक इरादा…..
लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच चीन ने बिना एक भी गोली चलाए भारत पर जीत के लिए एक नई तरह की जंग छेड़ दी है। यह जंग कुछ उसी तरह से है जैसे रूस ने क्रीमिया पर कब्जा करने के लिए किया था।
चीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविद , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 10 हजार लोगों और संगठनों पर निगरानी रख रहा है। चीन की इस नापाक साजिश में उसका साथी चीनी कंपनी झेन्हुआ डाटा इंफॉरमेशन टेक्नॉलजी कंपनी लिमिटेड (Zhenhua Data) दे रही थी। इस चीनी कंपनी ने बिग डेटा की मदद से भारत के खिलाफ ‘हाइब्रिड वॉरफेयर’ छेड़ रखा है।