डेढ़ वर्ष पहले (1 जुलाई 2018) को दिल्ली के की थी। उसे आखिरकार किराएदार मिल गया है। बुराड़ी के इस घर में पैथेलॉजी प्रयोगशाला खुलने जा रहा है। इसका गृह प्रवेश भी हो चुका है। इसके लिए डॉयग्नोस्टिक सेंटर के बाहर सजावट की गई व साथ ही हवन कराया गया।
मकान के ग्राउंड फ्लोर को मोहन सिंह कश्यप ने किराए पर लिया है। जिसमें डॉयग्नोस्टिक सेंटर खोला गया है। मोहन पिछले 15 वर्ष से ये डॉयग्नोस्टिक सेंटर चला रहे हैं। इस से पहले ये सेंटर इसी गली में दूसरी दुकान पर था। लेकिन उस दुकान के मलिक ने जब किराया बढ़ाने को बोला तो इन्हे दूसरी स्थान ढूंढनी पड़ी। मोहन सिंह का बोलना है कि वो अंधविश्वास को नहीं मानते, वो इस गली मे 15 वर्ष से रह रहे हैं व पिछले डेढ़ वर्ष में भी इस मकान में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे घबराने की कोई बात हो। हालांकि उन्होंने मकान किराए पर लेने से पहले अपनी पत्नी व परिवार से सलाह ली थी। यहां तक की उनके कस्टमर को भी इससे कोई कठिनाई नहीं थी।
बुराडी के इस मकान में डेढ़ वर्ष से खौफ का मंजर बना हुआ था। ऐसे में मकान के ग्राउंड फ्लोर पर खुले इस डॉयग्नोस्टिक सेंटर ने इर्द-गिर्द के लोगों को हैरत में डाल दिया। पड़ोस में रहने वाले एक शख्स ने बताया कि इस घर में तो क्या इर्द-गिर्द के घरों को भी कोई किराए पर लेने को तैयार नहीं था, इस आदमी ने बहुत हौसला दिखाई है।
मकान में हवन करने आए पंडित जी ने बताया कि यहां कोई खास पूजा नहीं की गई है। जिस तरह हम अपने घर में उद्घाटन कराते हैं, उसमें हवन कराते हैं उसी तरह यहां भी पूजा की गई है।
खौफ व अंधविश्वास के चलते जहां इस गली से गुजरने से भी लोग डरते थे। इस मकान के इर्द गिर्द भी जहां कोई किराए पर घर लेने की हौसला नहीं जुटा पाता था। उस घर के बाहर आज बच्चे खेल रहे हैं। जिस घर में एक साथ 11 जानें गईं आज डेढ़ वर्ष बाद उस घर में एक बार फिर जान आ गई है।