महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे का सीएम बनना तय हो गया है। एक महीने से चल रहे सियासी घटनाक्रम के समाप्त होने पर ये सब संभव हो पाया है।
शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन ने महाराष्ट्र के सीएम पद के लिए उद्धव ठाकरे को अपना नेता चुना। इसके बाद गठबंधन के नेताओं ने गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की व ‘महाविकास आघाड़ी’ की सरकार बनाने का दावा पेश किया। गठबंधन के नेताओं ने गवर्नर को 166 विधायकों के समर्थन वाला एक लेटर सौंपा। राजभवन के एक बयान के मुताबिक, गवर्नर ने उद्धव ठाकरे को संबोधित एक लेटर में बोला कि मैंने देखा है कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के पास 166 निर्वाचित मेम्बर हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस-राकांपा के नेताओं के साथ गवर्नर से भेंट करने वाले शिवसेना के एक नेता ने बताया कि ठाकरे दादर में शिवाजी पार्क में 28 नवंबर को शाम छह बजकर 40 मिनट पर सीएम पद की शपथ लेंगे। ठाकरे परिवार से उद्धव पहले ऐसे नेता होंगे जो प्रदेश में शीर्ष सियासी पद का अगुवाई करेंगे। बयान में बोला गया है कि क्योंकि उद्धव महाराष्ट्र विधानमंडल के मेम्बर नहीं हैं इसलिए उन्हें सीएम पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर मेम्बर बनना होगा। सरकार को 3 दिसंबर तक बहुमत साबित करने का समय दिया गया है।
ठाकरे परिवार से पहली बार कोई सीएम बनेगा। अबतक ठाकरे परिवार खुद को चुनाव से दूर रखता आया था लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में परिवार ने इस परंपरा को तोड़कर आदित्य ठाकरे को चुनाव मैदान में उतारा था। यह इशारा था कि अब शिवसेना सीएम पद के लिए सारा जोर लगाएगी.24 अक्टूबर को नतीजे घोषित होने के बाद से ही शिवसेना ने बीजेपी पर आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने का दबाव डालना प्रारम्भ कर दिया। हालांकि, बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद बदली परिस्थितियों में खुद उद्धव को मुख्यमंत्री पद के लिए तैयार होना पड़ा।