वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सम्बोधन में बताया है कि 45 लाख तक के होम कर्ज़ पर 1.50 लाख का अलावा ब्याज कर मुक्त रखा गया है, वहीं 3.50 लाख तक ब्याज पर कोई कर नहीं लगाया।
अगर आयकर छूट को वर्ष में 2 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये कर दिया है। यह छूट 45 लाख रुपये तक के मकान पर मिलेगा। यह छूट 31 मार्च 2020 तक खरीदे जाने वाले घर के लिए है।
कैसे मिलेगी छूट- एक्सपर्ट्स बताते हैं कि होम कर्ज़ की EMI में प्रिसिंपल व ब्याज दोनों शामिल होता है। अगर आप अपने होम कर्ज़ की ईएमआई की डिटेल देखें तो पता चलेगा कि शुरुआती कई वर्ष तक आप ज्यादा अपने ब्याज की हिस्सेदारी देते हैं व प्रिसिंपल अमाउंट कम होता है।
होम कर्ज़ ईएमआई के रूप में आप बैंक को जितनी रकम देते हैं, उसमें प्रिसिंपल वाले हिस्से पर आप आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत कर बचा सकते हैं। इसी तरह आयकरकानून के सेक्शन 24 के तहत इनकम टैक्स में छूट का फायदा उठा सकते हैं।
सेक्शन 80सी के तहत होम कर्ज़ के प्रिसिंपल की रकम की अदायगी पर सालाना 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट शामिल है।
साथ ही सेक्शन 24 के भीतर पहले किसी वित्त साल में ब्याज के भुगतान पर 2 लाख रुपये तक की रियायत भी मिलती थी। इसे वित्त मंत्री ने बढ़ाकर 3.5 लाख तक कर दिया है।
होम कर्ज़ की मासिक क़िस्त के रूप में आप जो रकम बैंक को हर महीने चुकाते हैं उसमें मूलधन व ब्याज, दोनों शामिल होता है।
अगर बैंक की स्लीप देखें तो उसे इसका स्पष्ट जानकारी मिलेगी। इसके अतिरिक्त कर्ज़ देने वाले बैंक की वेबसाइट से कर स्टेटमेंट भी निकाल कर इसकी जानकारी ली जा सकती है।
पीएम आवास योजना के तहत भी मिलता है फायदा- टैक्स छूट के अतिरिक्त पीएम आवास योजना के तहत कर्ज़ लेने वालों के लिए को ब्याज दर पर सब्सिडी का लाभ मिलता है। इस स्कीम के तहत आपके होम कर्ज़ की ब्याज दर पर मिलने वाली 2.6 लाख रुपये तक की सब्सिडी को व कुछ समय के लिए बढ़ा दिया गया है।