4 दिनों से इन देशो के बीच जारी भीषण युद्ध, रोकने में अमेरिका हुआ नाकाम

इसी वजह से अंतरराष्ट्रीय समुदाय जल्द ही इस विवाद को शांतिपूर्ण निपटारा चाहता है. दूसरी तरफ, अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोलस पशिनियन ने साफ-साफ कहा है कि वह अजरबैजान के साथ वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं. अर्मेनियाई पीएम ने आरोप लगाया कि तुर्की उकसाने वाली कार्रवाई कर रहा है.

 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस युद्ध में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा दर्जनों लोग घायल हैं. बता दें कि अमेरिका समेत कई अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार दोनों देशों से युद्ध समाप्ति की बात कर रहे हैं. इन दोनों देशों की जंग में तुर्की भी कूद गया है, इससे आशंका बढ़ गई है कि इस लड़ाई में रूस भी अर्मेनिया की तरफ से उतर सतकता है.

दोनों देशों अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख (Nagorno-Karabakh) क्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है. इसे लेकर दोनों देशों की सेनाएं पिछले 4 दिनों से आमने-सामने हैं. युद्ध में दोनों देशों की सेनाओं के बीच भारी मात्रा में गोलीबारी हो रही है. इस दौरान कोई भी देश पीछे हटने को तैयार नहीं हो रहा है और दोनों ही देश एक-दूसरे को बड़ा नुकसान पहुंचाने का दावा कर रहे हैं.

दरअसल, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता है कि इस युद्ध में यदि रूस जैसी महाशक्तियां शामिल हो जाती हैं, तो फिर विश्व युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है. वैसे ही दुनिया इस समय कोरोना महामारी को झेल रही है. इस दौरान यदि विश्व युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो जाती है तो दुनिया के सामने यह बड़ी मुश्किल होगी.

अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच पिछले चार दिनों से जंग जारी है. इस जंग के और लंबा खिंचने की आशंका है. इन दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की युद्ध रोकने की अपील को खारिज कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों ही देशों से युद्ध रोकने और शांति के साथ समस्या का हल निकालने की अपील की थी.